सिलेंडरों की बढ़ती कीमतों के बीच एक सिलेंडर को महीनों चलाना मुश्किल हो जाता है। घर में अचानक रसोई गैस का खत्म हो जाना कोई बड़ी बात नहीं है। हममें से लगभग सभी के घर में यह स्थिति आ ही जाती है। ऐसे में यदि हमारे पास दूसरा सिलेंडर बैकअप में है तब तो कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन यदि एक ही हो या दूसरा भी खाली तो परेशानी बढ़ जाती है। वैसे भी रसोई गैस का इस्तेमाल भारत में अब काफी घरों में होने लगा है।
हर शख्स चाहता है कि सिलेंडर ज्यादा से ज्यादा चले, इसलिए आपको इसे ज्यादा चलाने की तरकीबें भी मालूम होनी चाहिए। उज्ज्वला गैस योजना के जरिए मोदी सरकार ने सिलेंडर गांव-गांव तक पहुंचा दिया है। ऐसे में कई बार सिलेंडर रात में खत्म हो जाता है, जब हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है कि हम जल्द ही भरा लें। शहरों की भाग दौड़ भरी जिंदगी में तो सिलेंडर भराने के लिए भी टाइम नहीं होता।
अक्सर लोग उसे हिलाकर ही अंदाजा लगा लेते हैं कि सिलेंडर में इतनी गैस बची होगी, लेकिन ये तरीका एकदम गलत है। कभी चाय बन रही है और सिलेंडर खत्म हो गया। ऐसे हालात में अगर दूसरा सिलेंडर नहीं है तो चाय मजा किरकिरा तो हुआ ही साथ ही सिलेंडर भराने की टेंशन अलग पैदा हो गई। आपके सिलेंडर में कितनी गैस है यह पता करने के लिए सबसे पहले एक कपड़े को पानी में भिंगोकर गीला कर लें।
जब भी नया सिलेंडर लगाते हैं तो पहले ठीक चलता है। फिर जैसे-जैसे चूल्हे में आंच कम आने लगती है, तो आप अंदाजा लगा लेते हैं कि अब सिलेंडर को बदलने का समय आ गया है। गीले कपड़े से सिलेंडर में एक मोटी रेखा खींच लें। इसके बाद 10 मिनट इंतजार करें। अब आपके सिलेंडर का जो भाग खाली होगा वहां का पानी जल्दी सूख जाएगा और जहां तक गैस होगी वहां का पानी देर से सूखेगा।
सिलेंडरों को कभी हिलाना नहीं चाहिए। यह गलत तरीका है और खतरनाक भी। जो तरीका हमने आपको बताया है इस तरीके से आप आसानी से अपने सिलेंडर में गैस की मात्रा का पता लगा सकते हैं। दरअसल, सिलेंडर का खाली हिस्सा गर्म होता है इसलिए खाली हिस्से का पानी जल्दी सूखता है और गैस से भरा हुआ हिस्सा ठंडा होता है इसलिए गर्म हिस्से का पानी देर से सूखता है।
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