महामारी से बचने के लिए जहां 2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी। वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन लगवाने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसके लिए सरकार के द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के पोस्टर व विज्ञापन के जरिए लोगों को बताया जाता है कि वैक्सीन कितनी जरूरी है और उसके कितने फायदे हैं।
जब भी कोई वैक्सीन देश भर में लांच की जाती है, तो उससे पहले उसका ट्रायल किया जाता है, ताकि अगर उस व्यक्ति से किसी वैक्सीन से किसी को कोई हानि होती है, तो वह समय रहते पता चल सके। इसी के चलते जिले में भी दो वैक्सीन का ट्रायल पहले हो चुका है और वह सफल भी था।
वह तीसरी वैक्सीन का ट्रायल शनिवार से शुरू हो चुका है। हम बात कर रहे हैं दवा निर्माता कंपनी बायोलाजिकल-ई द्वारा बनाई गई कोर्बेवैक्स की। इस वैक्सीन का स्क्रीनिंग सेशन शनिवार को किया गया था। जिसमें 30 वॉलिंटियर के द्वारा भाग लिया गया था। उन वॉलिंटियर की रिपोर्ट सोमवार कि सुबह आई। जिसमें से 7 लोग ही वैक्सीन ट्रायल में भाग ले सकते हैं।
क्योंकि अन्य लोग महामारी से ग्रस्त हो चुके हैं। इसीलिए वह इस फेज 2 में भाग नहीं ले सकते हैं। उन लोगों को फेज 3 यानी करीब 15 दिन बाद बुलाया जाएगा और उनको वैक्सीन लगाई जाएगी। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के रजिस्ट्रार डॉ एके पांडे ने बताया कि मंगलवार को विधिवत रूप से इस वैक्सीन का ट्रांसलेशन शुरू किया जाएगा।
जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर इंडियन आयल कारपोरेशन के निदेशक व बोर्ड मेंबर डा. एसएसवी रामाकुमार मुख्य अतिथि होंगे और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रणदीप सिंह पूनिया और जिला आइएमए की प्रधान डा. पुनीता हसीजा विशिष्ट अतिथि होंगी।
लेकिन सोमवार को उन 7 लोगों में से एक वॉलिंटियर को कोर्बेवैक्स वैक्सीन लगाई गई है। लेकिन विधिवत रूप से इसका ट्रांसलेशन मंगलवार को शुरू किया जाएगा। इस वैक्सीन की दो डोज़ लगाई गई जाएगी। जो कि दूसरी 28 दिन के बाद लगाई जाएगी। जिस भी वॉलिंटियर को वैक्सीन लगाई जा रही है।
उसको करीब 1 घंटा वेटिंग रूम में बैठकर वेट करना होगा, क्योंकि अगर इस दौरान उसको किसी प्रकार की कोई परेशानी होती है तो वहां मौजूद डॉक्टर की टीम उसका उपचार कर सके। इसके अलावा हर वॉलिंटियर को एक बुकलेट दी जा रही है। जिसमें उनको हर रोज की परेशानी के बारे में डे 1 से लेकर डे 6 तक भरना होगा।
इसके अलावा उनको अपना तापमान मापने के लिए एक थर्मामीटर भी दिया जा रहा है। जिससे अगर उनको बुखार होता है, तो वह समय-समय पर उस थर्मामीटर से तापमान नाप सके और उस बुकलेट में एंट्री कर सके। इस ट्रायल में भाग लेने के लिए अगर आप भी वॉलिंटियर बनना चाहते हैं तो https://forms.gle/RUPgqNb6k8nvNUTu9 पर पंजीकरण कराना होगा।
पंजीकरण के बाद वालिंटियर को जांच के लिए रक्त का नमूना देना होगा। इसमें एंटीबाडी सहित कई तरह की जांच की जाएगी। सभी रिपोर्ट सामान्य होने के बाद ही वैक्सीन लगाने के लिए बुलाया जाएगा। इस ट्रायल की सबसे खाब बात यह है कि किसी भी वालिंटियर को प्लेसिबो (पानी) नहीं लगाया जाएगा। सभी को शुद्ध वैक्सीन लगाई जाएगी
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