Categories: Featured

स्कूल टीचर ने खेती में दिखाया कमाल, उगा दिए 5 टन तरबूज और इस तरह से कमाए लाखों रुपये

खेती-बाड़ी पर आज भी हमारे देश की अधिकतम जनसंख्या निर्भर है। खेती-बाड़ी कर के किसान आज-कल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। महामारी के दौरान कई लोग शहर छोड़कर अपने गांव लौटे। कई लोग जब लौटे तो उन्होंने अपने गांव में ही कुछ व्यवसाय करने का प्लान बनाया। ऐसी हैं सीमा रथीश, जो केरल के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुंबला में पढ़ाती है।

महामारी ने कई लोगों का रुझान खेती की तरफ बढ़ाया है। एक यही क्षेत्र था महामारी के दौरान जिसे कम घाटा हुआ था या कहें बस मुनाफा हुआ था। जब लॉकडाउन हुए तो सीमा अपने घर मेंगोथ चली गईं। आज वो अपनी नौकरी के साथ तरबूज की खेती से मुनाफा कमा रही हैं। सीमा कहती हैं कि लॉकडाउन के दौरान उनके पास बहुत खाली समय था। इसलिए उन्होंने अपने पति, भाई और एक पारिवारिक मित्र की मदद से तरबूज की शुगर क्वीन किस्म की खेती शुरू की।

स्कूल टीचर ने खेती में दिखाया कमाल, उगा दिए 5 टन तरबूज और इस तरह से कमाए लाखों रुपये

खेती – बाड़ी की तरफ एक बार फिरसे सभी का रुझान होने लगा है। सीमा किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता माधवन नायर के पास 15 एकड़ खेती की जमीन है। जिसमें वो धान, सुपारी और रबड़ के पेड़ लगाए हैं। सीमा कहती हैं कि जब उन्होंने खेती करने का फैसला किया तो उनते भाई ने खेती में अब पहले की तरह मुनाफा नहीं है। साथ ही ऊपज भी कम हो गई है। मगर मैंने अपनी कृषि पद्धतियों से इसे बदलने का फैसला किया। इसलिए मैंने अपने मित्र, जो जैविक किसान हैं उनसे इस बारे में सलाह ली।

जिसने भी जरा सा हटकर काम किया, उसको सफलता जरूरी मिली। यह बात एकदम सही है। नशीद ने सीमा को सुझाव दिया कि मींगोथ में पाई जाने वाली मिट्टी में तरबूज की शुगर क्वीन किस्म उगाने के लिए बेहतर रहेगी। यह तरबूज चमकीले लाल गूदे और मीठे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, इसे पारंपरिक तरीके से उगाने के बजाय, नशीद की सलाह पर, सीमा ने एक सटीक खेती पद्धति का उपयोग करने का फैसला किया।

नौकरी छोड़कर लोग खेती की तरफ आ रहे हैं। हर कोई खेती करना चाहा रहा है। सीमा बताती हैं कि उन्होंने नवंबर के पहले कुछ हफ्तों में खेती के लिए 2.5 एकड़ जमीन की सफाई की। पत्थर हटाए और मिट्टी में पोषण मिलाया। वो पौधे लगाने के तरीके बारे में कहती हैं कि- “पौधे लगाने से पहले उपजाऊ मिट्टी को सीधी रेखाओं में ढेर कर दिया जाता था। इसके ऊपर कम्पोस्ट और सूखे पत्ते डाले गए।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

ओम योग संस्थान ट्रस्ट ने हर्षोल्लास के साथ अपना अपना 26 वां वार्षिक उत्सव

ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…

4 weeks ago

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

1 month ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

1 month ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 month ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

2 months ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

3 months ago