महामारी का दौर चरम पर था, तब उसको रोकने के लिए सरकार के द्वारा लॉकडाउन व वन नाइट कर्फ्यू लगाया गया। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं पर भी रोक लगाई थी। जिसमें सबसे पहले ओपीडी की सेवाओं में फेरबदल किया गया और उसके बाद सर्जरी को भी पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया।
केवल इमरजेंसी सर्जरी की जा रही थी। यह सब केवल महामारी के कारण बंद कर गई थी, लेकिन अब ओपीडी को पूर्ण रूप से खुल रही है। महामारी के दौर में जहां पहले ओपीडी का समय सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे तक ही थी। लेकिन उसके बाद ऑनलाइन कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मरीज अपनी बीमारी डॉक्टर को बता सकते थे।
लेकिन जैसे-जैसे समय बदला महामारी का दौर कम होता गया वैसे वैसे ओपीडी के समय में बदलाव किया गया। अब ओपीडी सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक खोली जाएगी। ताकि मरीज आ कर अपनी परेशानी डॉक्टरों को बता सके और उसके बाद ऑनलाइन कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी मरीज उपचार ले सकते है।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ओपीडी की सेवाएं तो शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी भी प्रदेश के कई जिलों में सर्जरी की सुविधाओं को शुरू नहीं किया गया है। उच्च निदेशालय की ओर से सभी जिलों के सीएमओ को पत्र लिखकर अवगत कराया गया था कि वह अपने जिले में अब सर्जरी की सुविधाओं को शुरू कर सकते हैं। यह सुविधा 15 जून से शुरू होनी थी।
लेकिन प्रदेश के अभी भी कुछ ऐसे जिले मौजूद है। जहां पर यह सुविधा शुरू नहीं की गई है। लेकिन अपने जिले की बात करें तो फरीदाबाद में सर्जरी की सुविधा शुरू की जा चुकी है।
कुछ निदेशालय से आदेश आने के बाद भी प्रदेश के कुछ जिलों में सर्जरी की सुविधा को शुरू नहीं किया गया है। जिसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि कई जगहों पर तो सर्जरी होती ही नहीं है। क्योंकि वहां पर कोई सर्जन डॉक्टर मौजूद ही नहीं है। इसलिए उस जिले के मरीजों को सर्जरी के लिए किसी अन्य जिले में रह सके जाता है।
जानकारी के अनुसार जींद में 280 केस सर्जरी के पेंडिंग है और वहां पर केवल एक ही सर्जन है। 4000 से ज्यादा मरीज अकेले पीजीआई रोहतक में पेंडिंग है। इसलिए जिन मरीज़ों को सर्जरी करवानी है, उनको लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है और कई बार उस इंतजार के दौरान उनकी मरीजों की हालत बिगड़ जाती है और उनको मृत्यु भी हो जाते हैं।
वहीं अगर हम पलवल जिले की बात करें तो वहां पर भी कोई साजन मौजूद नहीं है इसलिए वहां पर भी अगर कोई मरीज सर्जरी के लिए आता है तो उसको फरीदाबाद व नूह मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया जाता है। जिसकी वजह से मरीज़ों को बहुत ज्यादा कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं।
फरीदाबाद ,करनाल ,सोनीपत, जींद, झज्जर, भिवानी, गुड़गांव। इन जिलों में लगभग सर्जरी शुरू हो गई है
अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र ,पानीपत, कैथल ,रोहतक, रेवाड़ी , चरखी दादरी, सिरसा ,हिसार।
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