हरियाणा अभिभावक एकता मंच के साथ कई प्राइवेट स्कूलों की पेरेंट्स एसोसिएशन ने मीटिंग की। जिसमें फीस वृद्धि के विरोध में आंदोलन आगे जारी रखने व इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाने के लिए अन्य स्कूलों की पेरेंट्स एसोसिएशन से संपर्क करके उनको भी भागीदार बनाने का निर्णय लिया गया।
सेक्टर 10 में आयोजित इस बैठक में डीएवी14 व 37, डायनेस्टी, मॉडर्न डीपीएस, तक्षशिला के पेरेंट्स अरविंद गुप्ता, सी एस मिश्रा, मृतुन्जय सिंह, हेमलता जैन, बलविंदर सिंह, विजय शर्मा, विश्वनाथ, मुनीश शर्मा, संगीता, मनीषा, जंबेस्वर, दीपक कुमार,डिंपल गौड़ आदि ने भाग लिया।
मंच की ओर से प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा, प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने भाग लेकर अभिभावकों को सीबीएसई, हरियाणा शिक्षा नियमावली व हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए बनाए गए नियम कानून की जानकारी देते हुए कहा कि जिस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर स्कूल प्रबंधक ट्यूशन फीस में वृद्धि कर रहे हैं व अन्य फंडों में पैसे मांग रहे हैं वह फैसला राजस्थान के लिए है।
ओ पी शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई आदेशों में पहले कहा है कि स्कूल प्रबंधक किसी भी तरह से शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं कर सकते, स्कूल के लाभ के पैसे को, आमदनी को बाहर अन्य जगह ट्रांसफर नहीं कर सकते। मंच ने आरटीआई के द्वारा पता लगाया है कि अधिकांश स्कूलों ने अभिभावकों से वसूली गई फीस व अपनी आमदनी को अन्य जगह ट्रांसफर किया है और जमीन खरीदी हैं और कई गैर कानूनी मदों में खर्चा दिखाया है जो पूरी तरह से न्याय संगत नहीं है। उनके पास आज भी करोड़ों रुपए का सरप्लस व रिजर्व फंड है।
उसके बावजूद स्कूल प्रबंधक कोरोना की दूसरी लहर में आर्थिक दृष्टि से काफी कमजोर हो चुके अभिभावकों से बड़ी ही ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज डेवलपमेंट फंड, परीक्षा शुल्क, ट्रांसपोर्ट फीस आदि कई फंडों में फीस मांग रहे हैं। जिसका पेरेंट्स विरोध कर रहे हैं। वे बिना पढ़ाई की ट्यूशन फीस मासिक आधार पर देने को तैयार हैं लेकिन स्कूल प्रबंधक मनमानी फीस मांग रहे हैं।
बैठक में तक्षशिला के अभिभावकों ने बताया कि जब फीस वृद्धि के विरोध में वे अपना ज्ञापन व मांग पत्र स्कूल के चेयरमैन बीडी शर्मा को देने गए तो उन्होंने अपने ही पेरेंट्स के साथ अशोभनीय व्यवहार किया और बच्चों को हरासमेंट करने की धमकी दी। उन्होंने बातचीत की वीडियो मीटिंग में सुना कर दिखाई।
मंच ने स्कूल मालिक के इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसकी शिकायत वीडियो के सबूत के साथ प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, चेयरमैन एनसीपीआरसी से की है। बैठक में फीस वृद्धि के आंदोलन को एक जन आंदोलन बनाने और इसमें सभी स्कूलों के पेरेंट्स को शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
मंच ने पेरेंट्स को आश्वस्त किया है कि मंच पूरी तरह से उनके साथ है वह सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर जमा कराएं। कैलाश शर्मा ने अभिभावकों से कहा है कि वे सबसे पहले स्कूल की फीस वृद्धि को लेकर अपने स्कूल प्रबंधक को लिखित में शिकायत दर्ज कराएं।
उसकी प्रति चेयरमैन एफएफआरसी, जिला शिक्षा अधिकारी को दें और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की लिखित शिकायत अपने क्षेत्र के विधायक को भी मिलकर उनका सहयोग लें। मंच ने सभी पेरेंट्स एसोसिएशन से कहा है कि वे अपने स्कूल द्वारा पिछले 5 साल में वसूली गई फीस व फंड्स का चार्ट बनाकर तुरंत मंच को उपलब्ध कराएं।
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