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डोर टू डोर अपनी चप्पले घिस, अब शिक्षक लाएंगे राजकीय विद्यालय से विलुप्त हुए छात्रों को वापस

फरीदाबाद : एनआईटी एक के अंतर्गत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक अहम बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता डीईओ यानी जिला शिक्षा अधिकारी रीतू चौधरी द्वारा की गई। इस बैठक के दौरान उप शिक्षा अधिकारी आनंद सिंह, फरीदाबाद व बल्लभगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी मनोज मित्तल व बलबीर कौर, बीआरसी, एबीआरसी और स्कूल प्रधानाचार्यों संग अध्यापकों ने भी शिरकत की।

इस दौरान किसी कारणवश बैठक में जिला परियोजना समन्वयक मुनेश चौधरी शामिल नहीं हो पाईं थी। वैसे तो मिली जानकारी के अनुसार डीईओ रितु चौधरी की तरफ से उन्हें भी बैठक में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे।

डोर टू डोर अपनी चप्पले घिस, अब शिक्षक लाएंगे राजकीय विद्यालय से विलुप्त हुए छात्रों को वापसडोर टू डोर अपनी चप्पले घिस, अब शिक्षक लाएंगे राजकीय विद्यालय से विलुप्त हुए छात्रों को वापस

इस बैठक के दौरान खासकर राजकीय विद्यालयों में दाखिले बढ़ाने को लेकर चर्चा करते हुए इस विषय पर सहमति जताई गई कि अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों के डोर टू डोर जाकर सर्वे किया जाएगा। दरअसल पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष विद्यालयों में 20,000 से भी कम छात्रों के दाखिल हुए थे। इसमें सबसे कम संख्या खासकर पहली और11वीं कक्षा तक की रही थी। जिसकी वजह जानने और छात्रों के दाखिले को बढ़ाने का भार अब शिक्षकों के कंधे पर रखा जाएगा।

इस मौके पर डीईओ ने अध्यापकों से रूबरू होते हुए उन्हें राजकीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अब जरूरत है कि अध्यापक डोर टू डोर सर्वे करे। वहीं उन्होंने कहा कि शिक्षक खास करके अभिभावकों को उनके बच्चों को स्कूल में दाखिले कराने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन समिति, ब्लाक सदस्य, पार्षदों एवं पंचायतों का सहयोग लें।

माडल संस्कृति विद्यालयों के अध्यापकों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण अभिभावकों की आर्थिक परेशानियां बढ़ी हैं। कई अभिभावक निजी स्कूलों में दाखिला नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे में यह एक अच्छा मौका भी है। डीईओ ने सभी अध्यापकों का आह्वान किया कि वह दो-तीन बच्चों को गोद लें। कोई भी योग्य बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए।

इसके बाद भी कोई बच्चा दाखिले से वंचित रह जाता है, तो उसकी जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि निजी विद्यालय एसएलसी (स्कूल लीविग सर्टिफिकेट) नहीं जारी कर रहे हैं। इसके चलते भी दाखिले कम हैं। वह निजी विद्यालय प्रबंधकों से बात करेंगी कि तुरंत प्रभाव से एसएलसी जारी करें। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अध्यापकों को दाखिला संबंधी रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध करानी होगी।

Avinash Kumar Singh

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