इस महामारी ने हमें सिखा दिया कि की पेड़ पौधे हमारे लिए कितने ज्यादा जरूरी है। क्योंकि महामारी की जो दूसरी लहर थी। उसने महामारी से ग्रस्त मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी है ऑक्सीजन के चलते हुई थी। और ऑक्सीजन हमें सबसे ज्यादा पेड़ से मिलती है। अगर हम पेड़ पौधे ही काट देंगे तो हमें आने वाले समय में ऑक्सीजन की काफी कमी देखने को मिलेगी।
लेकिन सरकार और प्रशासन के द्वारा समय-समय पर पौधारोपण किया जाता है। लाखों की संख्या में पौधे तो लगा दी जाते हैं, लेकिन उसकी देखरेख की जिम्मेवारी कोई भी विभाग व कोई भी सरकार नहीं उठाता है। तो कुछ दिनों के बाद पौधे टूटते हुए या फिर खत्म होते हो गए नजर आते हैं। ऐसा ही एक नजारा हमें नेशनल हाईवे पर बने पुल के नीचे लगे पौधों का देखने को मिल रहा है।
जिसमें सैकड़ों की संख्या में नगर निगम और पुलिस प्रशासन के द्वारा पौधे लगा दिए गए हैं। लेकिन उसकी देखरेख के लिए कोई भी विभाग की जिम्मेवारी नहीं उठा रहा। वैसे तो नेशनल हाईवे के सभी पुल के नीचे पौधारोपण किया गया था। जिसमें बाटा चौक, अजरोंडा चौक, बड़खल चौक, बल्लभगढ़ चौक व एनएचपीसी चौक आदि मौजूद है।
इन पुल के नीचे ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस बूथ भी बनाए गए हैं और इन बोथ के चारों और नगर निगम के द्वारा पौधारोपण किया गया था। लाखों की संख्या में इन नेशनल हाईवे पर बने पुल के नीचे पौधारोपण तो किया गया। लेकिन उन पौधों की देखरेख नहीं की जा रही है।
जिसकी वजह से आधे से ज्यादा पौधे सूख कर खत्म हो चुके हैं। वहीं अब जो बचे हुए पौधे हैं वह पानी के लिए तरसते हुए नजर आ रहे हैं। इस बारे में जब ट्रैफिक पुलिस कर्मी से पूछा तो उन्होंने कहा कि नगर निगम के द्वारा पौधे तो लगा दिए जाते हैं। लेकिन उसकी देखरेख के लिए उनके पास किसी प्रकार का कोई समय नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि इन पौधों की देखरेख के लिए हर बार ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट दे जाता है। लेकिन वह ठेकेदार समय पर आकर ना तो पेड़ों में पानी डालता है और ना ही उस जगह की साफ सफाई करता है। जिससे वहां लगे पेड़ पौधे पानी से तरसते हुए पूर्ण रूप से खत्म हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि अजरौंदा चौक पर भी काफी संख्या में पेड़ पौधे लगाए गए थे। लेकिन ट्रैफिक बूथ के पीछे जो पौधे लगाए गए हैं। वह अब जमीन से कहीं दूर चले गए हैं। क्योंकि जमीन बिल्कुल बंजर हो चुकी है और वहां पर एक भी पौधा नजर नहीं आ रहा है। पुलिसकर्मी ने बताया कि उनके द्वारा कई बार नगर निगम अधिकारियों को उच्च अधिकारियों को द्वारा अवगत कराया जा चुका है।
लेकिन उसके बावजूद भी वह ना तो पानी के टैंकर नहीं रहे हैं और ना ही साफ सफाई के लिए कर्मचारी को भेज रहे हैं। जिसकी वजह से उनके ट्रैफिक बूथ के पास लगे पौधे सुखते जा रहे हैं और आने वाले समय में अगर पौधों को समय रहते पानी और साफ सफाई नहीं मिली तो वह पौधे पूर्ण रूप से खत्म ही हो जाएंगे।
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