फरीदाबाद में कोरोना मरीजों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है जिसका सटीक कारण आज हमें पता चला है। जब हमने फरीदाबाद के कुछ कोरोना मरीजों से उनका मनोबल बढ़ाने के लिए बातचीत की तो उनकी आपबीती सुनकर मन विचलित हो उठा।
फरीदाबाद के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती एक कोरोना मरीज से जब हमने बात कि तो उसने बताया कि 1 जून को जब उसे कोरोना के लक्षण की शिकायत हुई तो उसने प्राइवेट लैब को सूचित कर उनसे अपनी कोरोना जांच कराई जिसके बाद तीन जून को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 5 जून को जिला प्रशासन ने इस बात का संज्ञान लिया कि वह कोरोना पॉजिटिव है।
कोरोना मरीज ने अपनी आपबीती बयां करते हुए बताया कि फरीदाबाद में अब केवल आंकड़े एकत्रित करने के लिए खानापूर्ति की जा रही है। मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। मरीज ने बताया कि उसके पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे और उसके परिवार को होम क्वॉरेंटाइन करने को कहा गया था।
लेकिन जब उसने स्वास्थ्य विभाग के लोगों से बात कर अपने परिवारजनों की कोरोना जांच करने के लिए कहा तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसके परिवारजनों की जांच करने से मना कर दिया गया और कहा गया कि वे लोग खुद बादशाह खान अस्पताल जाकर अपनी कोरोना जांच कराए। क्यूंकि घर घर जाकर सैंपल जांच करना अब बन्द किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त मरीज ने बताया कि 5 जून को जब उसकी हालत खराब हुई तो उसने इमरजेंसी नंबर पर कॉल कर सहायता मांगी तो उसे घंटे भर तक कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई और बाद में उसे उसके किसी करीबी की सहायता से एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया।
मरीज ने बताया कि उसने निजी अस्पताल में भर्ती होने से पहले निजी अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को पहले ही सूचित कर दिया था लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचा तो कोई भी स्वास्थ्य कर्मी उसकी जांच करने के लिए आगे नहीं आया और कोरोना मरीजों की कोई खास सुविधा अस्पताल में मौजूद नहीं है।
मरीज ने बताया कि उसे भर्ती करने से पहले निजी अस्पताल ने उसे 52 हजार रूपए प्रतिदिन का बिल बनाकर दिया है जो उसके लिए भुगतान कर पाना काफी कठिन हो रहा है और ऐसे में उसके पास अन्य कोई चारा नहीं बचा है।
मरीज ने बताया कि निजी अस्पताल में ₹52700 प्रतिदिन दिए जाने के बाद भी अस्पताल में कोई खास सुविधा उसे नहीं दी जा रही है जहां कोरोना मरीजों को गरम खाना देने को कहा गया है वहां उसे ठंडा खाना दिया जा रहा है और मरीज को पानी पीने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
मरीज ने अपनी यह आपबीती बताते हुए कहा कि जहां स्वास्थ्य कर्मियों को इस समय भगवान का दर्जा दिया जा रहा है वहीं निजी अस्पताल इस महामारी की स्थिति में भी मरीजों से मुंह मांगी रकम वसूल कर उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।
कोरोना मरीज की आपबीती सुनकर आप साफ तौर पर अंदाजा लगा सकते हैं कि फरीदाबाद में जिस तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं उनका क्या कारण है जिला प्रशासन ना तो कोरोना की जांच सही ढंग से करा पा रहा है और ना ही उनका इलाज।
इस दौरान केवल स्वास्थ्य विभाग रोजाना ठीक हो रहे चंद मरीजों के ठीक होने को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है और वाहवाही बटोरने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जिले में ना तो निजी अस्पताल मरीजों का सही ढंग से इलाज कर पाने में सफल हो रहे हैं और ना ही सरकारी अस्पताल मरीजों को सही स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर पा रहे हैं।
जिले के हालात देखकर यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि जल्द ही औद्योगिक नगरी कहीं जाने वाला फरीदाबाद कोरोना नगरी के नाम से पूरे देश भर में प्रचलित होगा।
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