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फरीदाबाद की इस युनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री से की खास बात चीत

टॉयकैथॉन 2021 के दौरान माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए चुने गए 6 नोडल सेंटर में से मानव रचना एकमात्र विश्वविद्यालय

· टॉयकैथॉन 2021 ग्रैंड फिनाले होस्ट करने के लिए एआईसीटीई ने मानव रचना को नोडल सेंटर के रूप में चुना तथा पीएम मोदी के साथ लाइव बातचीत के लिए मानव रचना एकमात्र यूनिवर्सिटी नोडल सेंटर के रूप में चुना गया

· बलवंतराय मेहता विद्या भवन की इश्मीत कौर ने माननीय पीएम मोदी के साथ अपने प्रोजेक्ट ‘बाघ-चाल’ पर बातचीत की

फरीदाबाद: माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाइव इंटरेक्शन के दौरान टॉयकैथॉन के फाइनलिस्ट के साथ वीडियो कांफेरेंसिंग के ज़रिये बातचीत की। लाइव इंटरेक्शन के लिए चुना गया मानव रचना एकमात्र विश्वविद्यालय था।

फरीदाबाद की इस युनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री से की खास बात चीत

एआईसीटीई द्वारा मानव रचना को टॉयकैथॉन 2021 ग्रैंड फिनाले होस्ट करने के लिए भी चुना गया था। टॉयकैथॉन शिक्षा मंत्रालय द्वारा पाँच अन्य मंत्रालयों के साथ आयोजित किया गया था: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, और वस्त्र मंत्रालय। टॉयकैथॉन स्थानीय सामग्रियों का उपयोग करके भारतीय और वैश्विक दोनों बाजारों के लिए नए और अभिनव खिलौनों की अवधारणा पर ध्यान केंद्रित करता है जो उच्च गुणवत्ता के साथ किफायती, सुरक्षित, और पर्यावरण अनुकूल भी होंगे।

माननीय प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा: “खिलौने और खेल हमारी मानसिक शक्ति, रचनात्मकता और हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं। हम सभी जानते हैं कि एक बच्चे का पहला स्कूल उसका परिवार होता है। लेकिन पहली किताब और पहले दोस्त खिलौने होते हैं।” प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से आत्मनिर्भरता और खिलौनों और डिजिटल गेमिंग की दुनिया में स्थानीय समाधान के साथ आने की अपील भी की। यह कहते हुए कि भारत अपने खिलौनों का लगभग 80% आयात करता है, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रथा को बदलना चाहिए और देश को ‘वोकल फॉर लोकल’ की राह पर चलना चाहिए।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा”साहस समृद्धि की कुंजी है। सभी प्रतिभागी खिलौना निर्माण में भारत के उज्ज्वल भविष्य का प्रदर्शन करते हैं और इस तरह युवा हमारे आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेंगे।”

मानव रचना के प्रांगण से इश्मीत कौर (सबसे कम उम्र की प्रतिभागी) के साथ बातचीत करते हुए, माननीय प्रधानमंत्री ने भारत के पारंपरिक खेलों को संरक्षित करने के आधुनिक तरीके के रूप में बाघ-चाल प्रोजेक्ट की सराहना की। उन्होंने कहा, यह प्रयास और विचार बेहद ही प्रशंसनीय है जो देश के युवाओं को मजेदार तथा शिक्षाप्रद तरीके से देश की विरासत से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करेगा। इस बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्रालय में इनोवेशन सेल के निदेशक डॉ मोहित गंभीर; डॉ. अमित भल्ला, उपाध्यक्ष, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान; डॉ. संजय श्रीवास्तव, वीसी, एमआरआईआईआरएस; डॉ. आई के भट, वीसी, एमआरयू; डॉ. उमेश दत्ता, निदेशक, एमआरआईआईसी और अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित थे।

टॉयकैथॉन 2021 के लिए 1.2 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया और 17000 से अधिक आइडिया प्रस्तुत किए गए। 22 जून से 24 जून तक आयोजित 3 दिनों के ऑनलाइन टॉयकैथॉन ग्रैंड फिनाले के लिए 1567 आइडिया शॉर्टलिस्ट किये गए थे। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि मानव रचना टॉयकैथॉन 2021 के दौरान माननीय प्रधानमंत्री के साथ लाइव बातचीत के लिए नोडल केंद्र के रूप में चुने गए 6 संस्थानों में से एक था।

डॉ. मोहित गंभीर ने कहा: “भारतीय तथा वैश्विक खिलौना बाजार हमारे विनिर्माण क्षेत्र को एक बड़ा अवसर प्रदान करते है। विश्व स्तर पर, खिलौना उद्योग की वैल्यू 100 अरब डॉलर है, जिसमें चीन, अमेरिका, जर्मनी और जापान प्रमुख खिलाड़ी हैं। भारत अपने 1.5 अरब डॉलर के वार्षिक खिलौना बाजार का 80 से 85 फीसदी आयात करता है। बड़े दिग्गजों की तुलना में, भारतीय खिलौनों की वैश्विक बाजार में उपस्थिति नाममात्र है। टॉयकैथॉन 2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है ताकि भारत को खिलौना बाजार में एक पहचान मिल सके।

डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा, “टॉयकैथॉन-2021 भारत के छात्रों को भारतीय सभ्यता, इतिहास, संस्कृति, पौराणिक कथाओं और लोकाचार पर आधारित गेम्स विकसित करने के लिए चुनौती देता है। यह भारत को खिलौना उत्पादन का केंद्र बनाने और आयातित खिलौनों पर निर्भरता को कम करने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। टॉयकैथॉन भारत में खिलौनों के विकास को शुरू करने और पीढ़ी को रचनात्मक विचारों में शामिल करने के लिए एक प्रेरणात्मक कदम है।

बलवंतराय मेहता विद्या भवन अंगूरीदेवी शेरसिंह मेमोरियल अकादमी की इश्मीत कौर ने ‘रिडिफाइनिंग बाघ-चाल’ बोर्ड गेम विकसित की है।

Avinash Kumar Singh

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