नई दिल्ली,26 जून। कोविड-19 की दूसरी लहर से मचे हाहाकार को अभी 2 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और भाजपा सरकार इसमें भी राजनीति करने से नहीं चूक रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से राजधानी की जनता की जान बचाई है। उससे भाजपा शासित सरकारों को सीख लेनी चाहिए। यह कहना है आम आदमी पार्टी सांसद डॉ. सुशील गुप्ता का।
पार्टी के हरियाणा सहप्रभारी डॉ. गुप्ता ने कहा कि बीजेपी अब ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति पर सस्ती राजनीति कर रही है। जबकि उस दौरान लगभग हर परिवार में महामारी से पीड़ित व्यक्ति थे और वे अस्पताल, ऑक्सीजन बिस्तर और वेंटिलेटर की तलाश में दर दर भटक रहे थे।
पर्याप्त ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण हजारों लोगों की घर पर ही मौत हो गई। हम में से हर कोई अस्पताल में अपने मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भीख मांग रहा था, उनके आंसुओं को भूला नहीं जा सकता।
दूसरी तरफ बीजेपी अब उन परिवारों को याद दिला रही है कि उनके मरीजों की मौत कैसे हुई। वह ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे में झूठ बोलकर, यह दिखावा कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक है और देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी।
केंद्र सरकार ने सभी ऑक्सीजन प्लांट पर नियंत्रण कर लिया था और किसी भी राज्य सरकार को स्वतंत्र रूप से ऑक्सीजन की खरीद नहीं करने दे रही थी। उस दौरान प्रत्येक राज्य के अस्पतालों तक ने केन्द्र को अपनी ऑक्सीजन की जरूरत बताई थी। अब ऑक्सीजन की मांग बढ़ाने के लिए अस्पतालों को दोष देना अमानवीय है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि गुड़गांव के अस्पतालों में 80 मीट्रिक टन की आवश्यकता थी। महामारी के बुरे समय में भी हरियाणा सरकार ने गुड़गांव को 50 मीट्रिक टन से अधिक की आपूर्ति नहीं दे सकी। क्या इसका मतलब यह है कि अस्पतालों को 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी या कई मरीजों को घर भेज दिया गया क्योंकि ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं थी।
इसी तरह दिल्ली के अस्पतालों ने 700 मीट्रिक टन की मांग की और उन्हें केवल 300 मीट्रिक टन दिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं थी, या केंद्र सरकार ऑक्सीजन प्रदान करने में असमर्थ थी, जिसके कारण कई हजार लोगों की ऑक्सीजन के अभाव में मृत्यु हो गई।
उन्होंने भाजपा सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि भारत में महामारी की दूसरी लहर के कुप्रबंधन पर राजनीति करना बंद कर दें। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया मोदी सरकार की पूर्ण विफलता की तीखी खबरों से भरा पड़ा है। अब मुआवजा देकर परिवारों के जख्मों को भरने के बजाय यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि अस्पतालों और राज्यों ने ज्यादा ऑक्सीजन मांगी।
उन्होंने कहा कि हम हरियाणा की सरकार से अनुरोध करते हैं कि हर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बनाएं और महामारी से हुई मौतों की अंडर रिपोर्टिंग को ठीक करें। यदि मृत्यु प्रमाण पत्र में महामारी का उल्लेख नहीं है तो परिवार को सरकार से 4 लाख का मुआवजा कैसे मिलेगा।
हम सरकार से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकों की व्यवस्था करने का निवेदन करते हैं क्योंकि अब डेल्टा प्लस संक्रमण भी भारत के विभिन्न हिस्सों में अपने पांव पसारने लगा है। यह जीवन बचाने का समय है, भाजपा अपनी गंदी राजनीति बाद में कर ले।
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