आपका समय कब बदल जाये कहा नहीं जा सकता है। आपको बुरे समय में भी सकारात्मक रहना चाहिए। कभी हार नहीं माननी चाहिए। धैर्य और दृढ़ संकल्प सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी है। आज हम एक ऐसे दिव्यांग व्यक्ति की बात करेंगे, जिसने शून्य से शुरुआत कर आज एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया है। लोग उनसे मिलने के लिए लाइन में लगते हैं।
खुद पर यकीन हो अगर तो सबकुछ संभव हो जाता है। उनकी मेहनत से कई लोग प्रेरणा ले रहे हैं। गरीबी में जन्मे राम चन्द्र अग्रवाल ने एक छोटे से फोटोकॉपी की दुकान से शुरुआत कर भारत के तमाम बड़े व्यापारियों में से एक बन गए हैं। उनके इस सफर में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। व्यापार में करोड़ों की हानि के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी अकलमंदी से सबको चौंका दिया।
किसी भी बिजनेस को करने के लिए आपको दृढ इच्छाशक्ति की ज़रूरत होती है। सबकुछ संभव है अगर आप कुछ करना चाहें। राम चन्द्र अग्रवाल बचपन में ही पोलियो के शिकार हो गए थे, जिस कारण उनके चलने की क्षमता समाप्त हो गई थी। किसी तरह उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद साल 1986 में कर्ज लेकर राम चन्द्र ने एक फोटोकॉपी की दुकान खोली।
कोई भी शुरवात पहले छोटे से होती है। आपकी मेहनत उसे बड़ा बनाती है। एक साल बाद उन्होंने करोबार शुरू करने का फैसला किया और कोलकाता के लाल बाज़ार में एक कपड़े बेचने की दुकान खोल लिए। 15 सालों तक दुकान चलाने के बाद उन्होंने इसे बंदकर बड़े स्तर पर एक खुदरा व्यापार शुरू करने की योजना बनाई।
अगर योजना सकारात्मक विचारों के साथ बनाई गयी हो तो नतीजा भी सकारात्मक ही मिलता है। राम साल 2001 में कोलकाता छोड़कर दिल्ली शिफ्ट हो गए। वहां उन्होंने विशाल रिटेल के नाम से एक खुदरा व्यापार की शुरुआत की। साल 2002 में दिल्ली में ‘विशाल मेगामार्ट’ के रूप में पहली हाइपरमार्केट कंपनी बनी।
लोक सभा निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि सही प्रशिक्षण लेने के उपरांत कार्य…
मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…
एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…
श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…
आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…
खट्टर सरकार ने आज राज्य के लिए आम बजट पेश किया इस दौरान सीएम मनोहर…