दुनिया भर में इस समय हर एक देश अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक उपाय अपना रहा है चाहे वह किसी पड़ोसी देश से हथियार लेना हो या फिर अपने देश के सुरक्षा बजट पर ज्यादा ध्यान देना हो।
मलेशिया की सरकार अब कह रही है कि उसे तत्काल इमरजेंसी तौर पर 18 फाइटर जेट चाहिए और इसके लिए मलेशिया की सरकार भारत के तेजस फाइटर जेट को भी देख रही है मगर 18 फाइटर जेट मलेशिया को चाहिए, यही नहीं मलेशिया की इमरजेंसी मांग हुई है जिसमें उन्हें आठ फाइटर जेट तत्काल चाहिए और 10 फाइटर जेट वह लाइट कॉम्बैट के रूप में थोड़ा सा लेट भी ले सकता है।
क्यों चाहिए इमरजेंसी में फाइटर जेट ?
बता दें, पिछले दिनों चाइनीस अग्रेशन मलेशिया एयर स्पेस के ऊपर दिखाई दिया था और उसी कारण से मलेशिया देख रहा है कि उन्हें भी अब अपनी सेना और अपनी एयरफोर्स को भी मजबूत करना होगा।
इसी कारण मलेशिया की सरकार ने 21 सितंबर की डेडलाइन दी है कि 18 फाइटर जेट को लेकर डाटा इक्खटा करने की डेड लाइन दी है । जिसके बाद काफी बड़ी जांच पड़ताल के बाद यह फैसला लिया जाएगा लेकिन आपको बता दें इसका बहुत बड़ा मुनाफा भारत को होने वाला है ।
फाइटर जेट एक्सपर्ट देश मलेशिया ,भारत से ही क्यों मांग रहा है?
भारत के तेजस में ऐसी क्या खूबी है ? इस जेट की बात करें तो इस जेट में एक नहीं अनेकों खूबियां हैं कि दुनिया के सबसे बेहतरीन हथियार इसके अंदर लगे हुए हैं। अमेरिका का इंजन हो या इजरायल के घातक हथियार हो, एक से बढ़कर एक आधुनिक हथियार एक जेट में समा जाता है।
रूस के घातक हथियार भी भारत के कुछ हत्यारों की बराबरी नहीं कर पाते आपको बता दें कि भारत के पास अपना खुद का रेड और है जोकि बेहद बड़े रेडियस में फैला हुआ है यही सब बातें भारत को दूसरे देशों के मुकाबले मजबूत बनाती है इस बात की वजह से भारत लगातार अपनी सुरक्षा के लिए एक से बढ़कर एक आधुनिक हथियारों पर इन्वेस्ट और एक्सपेरिमेंट दोनों ही लगातार कर रहा है ।
क्यों नहीं देंगे मलेशिया को जेट ?
सबसे बड़ी समस्या यह है कि भारत की सेना के पास खुद के पास आज फाइटर जेट की कमी है। भारत की सेना आज 83 mk1a फाइटर जेट का आर्डर कर चुकी है और दोस्तों यह फाइटर जेट भारत की सेना में आएंगे। तब ही रशियन मूल के मिग-21 फाइटर जेट रिप्लेस कर सकेंगे। फाइटर जेट उड़ते उड़ते नीचे गिर जाते हैं। इसी कारण से गिर रहे हैं क्योंकि वह बहुत पुरानी हो गया और हमारी एयरफोर्स के पास और दूसरे फाइटर जेट नहीं है उड़ाने के लिए यही कारण है कि हम कबाड़ उड़ा रहे हैं।
लेकिन फिर भी मलेशिया का साथ देने से पहले भारत को अपने विदेशी संबंधों के बारे में भी सोचते हुए फैसला लेना होगा इसलिए भारत के लिए आसान नहीं है । यही नहीं एक्सपोर्ट का भी कहना है कि तुम फाइटर जेट पहले अपने लिए बना लो उसके बाद दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करने की सोची जाए ।
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