अब ऐसे में किसी भी साधारण व्यक्ति द्वारा बिना पास बनाएं मिलना असंभव सा होगा। इतना ही नहीं सीएम मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए उक्त व्यक्ति को कई चरणों से गुजरना होगा और उसके मोबाइल नंबर से लेकर अन्य कीमती सामान को भी लॉकर में सीआईडी की निगरानी में रखा जाएगा।
वहीं आईएएस यशेंद्र सिंह कमेटी की 2019 में सौंपी रिपोर्ट के 14 बिंदुओं में से 12 को मुख्य सचिव ने अपनी मंजूरी दे दी है। सचिवालय की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ अफसरों को भी सुरक्षा के नए दिशा-निर्देश से अवगत करा दिया है। अब मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, मुख्य सचिव से आगंतुकों की मुलाकात तभी होगी जब निजी स्टाफ सुरक्षा कर्मियों को फोन कर उन्हें अंदर भेजने के लिए कहेगा।
इतना ही नहीं गेट पास दिखाने के बाद फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए उसे कॉरीडोर में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिलने से पहले उसे ग्लास डोर पर ही आगंतुकों की गहन जांच होगी। महिलाओं की चेकिंग के लिए अलग से कक्ष बनेगा। मोबाइल व अन्य सामान के साथ कोई भी मुख्यमंत्री, उनके मुख्य प्रधान सचिव व मुख्य सचिव से नहीं मिल पाएगा।
सचिवालय में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों के पहचान पत्र में पे कोड होगा
ड्यूटी के दौरान सभी अधिकारी, कर्मचारी पहचान पत्र गले में डालकर रखेंगे
सचिवालय के अधिकारियों, कर्मचारियों, आगंतुकों व विभागों के कर्मचारियों के प्रवेश कार्ड के रंग व डिजाइन को बदला जाएगा
विभागों, बोर्ड, निगमों के अधिकारियों, कर्मचारियों के पास पर अब सिर्फ एंट्री पास लिखा होगा, गेट पास नहीं लिखा जाएगा
विभाग, बोर्ड, निगम अपने के कर्मचारियों के कार्ड का रंग सचिवालय कर्मचारियों, अधिकारियों के कार्ड से मिलता-जुलता नहीं होगा।
एमएलए के साथ सिर्फ एक निजी सहायक ही सचिवालय के अंदर जा सकेगा, आगंतुकों को प्रवेश नहीं मिलेगा। विजिटर पास सिस्टम वीआईपी गेट पर ही लगेगा
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, डीजीपी कार्यालय, एलआर व आईटी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को केवल प्रवेश पास दिया जाएगा, पहचान पत्र उन्हें विभाग ही देंगे
सीएम कार्यालय की सुरक्षा के लिए सुझाए गए अन्य बिंदुओं पर भी जल्द अमल किया जाएगा।
दूसरी लहर धीमी पड़ने के बाद सचिवालय में आगंतुकों का प्रवेश शुरू हो गया है। ऐसे में कोई असामाजिक तत्व सचिवालय में प्रवेश करने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय तक न पहुंच जाएं इसलिए सुरक्षा पहले से कड़ी की गई है। किसान आंदोलन में सरकार और आंदोलनकारियों के बीच तल्खियां बढ़ी हैं। मुख्यमंत्री संयम की परीक्षा न लेने की बात कह चुके हैं तो किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने सीएम को पाकिस्तानी तक कह दिया है। ऐसे में कोई अप्रिय घटना घटित न हो, इसलिए सुरक्षा और चाक-चौबंद की है।
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