केंद्र सरकार द्वारा मंत्रिमंडल में बदलाव से ठीक एक दिन पहले लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय। मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक साथ आठ राज्यपालों की नियुक्ति की है। इनमें से एक राज्यपाल के पद पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को नियुक्त किया गया है। उनको कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। साथ ही तीन अन्य नेताओं को भी राज्यपाल बनाया गया और बाकी चार राज्यपालों के राज्य में फेरबदल कर दिया है।
आठ राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति और फेरबदल की जानकारी राष्ट्रपति भवन द्वारा दी गई है। उनके द्वारा एक रिलीज जारी किया गया है कि उपरोक्त नियुक्तियां राज्यपालों के पद भार संभालने की तिथि से प्रभावी होंगी।
थावरचंद मध्य प्रदेश कोटे से कैबिनेट मंत्री थे। कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह देने के लिए थावर चंद को कैबिनेट से हटाया गया हो। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से 73 साल के थावरचंद लगातार उनकी कैबिनेट में शामिल रहे हैं। हालांकि सिंधिया की क्या प्रोफाइल होगी इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह चर्चा जरूर है कि मोदी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपेंगे। मध्यप्रदेश में अभी तक मोदी कैबिनेट से चार मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, थावर चंद गहलोत और फग्गन सिंह कुलस्ते थे।
राज्यपालों की यह एक साथ सबसे बड़ी नियुक्ति की गई है। इससे पहले अगस्त 2018 में 7 राज्यों में एक साथ राज्यपाल बदले गए थे।
1. थावरचंद गहलोत कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है।
2. मंगूभाई छगनभाई पटेल अब से मध्य प्रदेश के राज्यपाल होंगे।
3. डॉ. कम्भमपति हरीबाबू को मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया है।
4. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का पद राजेंद्र विश्वनाथ आरलेकर को दिया गया है।
5. हरियाणा के पूर्व गवर्नर सत्यदेव नारायण आर्य अब त्रिपुरा के राज्यपाल होंगे।
6. पीएएस श्रीधरन पिल्लई पहले मिजोरम के राज्यपाल थे अब गोवा के होंगे।
7. हरियाणा के राज्यपाल का पद अब से बंडारू दत्तात्रेय संभालेंगे।
8. त्रिपुरा के गवर्नर रमेश बैस अब से झारखंड के गवर्नर होंगे।
चार राज्यों में नियुक्त हुए नए राज्यपाल
1. थावर चंद गहलोत: दलित नेता थावरचंद मध्य प्रदेश के नागदा से संबंध रखते हैं। नरेंद्र मोदी जब 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने तो थावर चंद को सोशल जस्टिस मिनिस्टर बनाया गया। तब से अब तक वे इसी पद पर रहे। वे भाजपा के संसदीय दल और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी हैं।
2. मंगूभाई छगनभाई पटेल: 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री थे, तब मंगूभाई पटेल गुजरात विधानसभा के सभापति थे। इससे पहले वो गुजरात कैबिनेट का भी हिस्सा रहे। वे नवसारी से विधायक भी रह चुके हैं।
3. राजेंद्र विश्वनाथ आरलेकर: आरलेकर 1980 से गोवा भाजपा से जुड़े हुए हैं साथ ही भाजपा के महासचिव भी रह चुके हैं। 2014 में जब गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को मोदी ने केंद्र में रक्षा मंत्री बनाया था, तब आरलेकर को पर्रिकर के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन भाजपा ने लक्ष्मीकांत पारसेकर को सीएम बनाया। गोवा असेंबली को पेपरलेस बनाने का क्रेडिट भी आरलेकर को दिया जाता है।
4. हरिबाबू कम्भमपति: छात्र नेता के तौर पर उन्होंने अलग आंध्र प्रदेश के लिए ‘जय आंध्र’ आंदोलन में हिस्सा लिया। जय प्रकाश नारायण के साथ भी आंदोलन में शामिल रहे और मीसा के तहत अरेस्ट भी हुए। वे विशाखापटट्टनम से सांसद भी रह चुके हैं।
2018 में इन राज्यों के बदले थे राज्यपाल
इससे पहले अगस्त 2018 में एक साथ 7 राज्यों के राज्यपाल बदले गए थे। उस समय त्रिपुरा की जिम्मेदारी हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को दी गई थी। वहीं, मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद को सिक्किम और त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय को गंगा प्रसाद की जगह मेघालय भेजा गया। साथ ही, बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड, लालजी टंडन को बिहार का, सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा और सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया था।
7 या 8 जुलाई को हो सकता है कैबिनेट का विस्तार
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जुलाई को कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। इसका पहला विस्तार बुधवार को सुबह 11 बजे होगा। कैबिनेट में अभी 28 मंत्री पद खाली हैं और बताया जा रहा है कि 17-22 सांसदों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक मोदी ने 2 दिन तक गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ कैबिनेट विस्तार पर बैठकें भी की हैं।
इन राज्यों से बनेंगे मंत्री
1. महाराष्ट्र से भाजपा सांसद हिना गावित को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। उनके अलावा भूपेंद्र यादव, पूनम महाजन और प्रीतम मुंडे का नाम भी चर्चा में है।
2. बिहार में फिलहाल 2-3 नामों की चर्चा है। यहां LJP से सांसद पशुपति कुमार पारस और JDU के आरसीपी सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है।
3. मध्य प्रदेश से कैबिनेट विस्तार के लिए 1-2 नाम चर्चा में हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अहम भूमिका निभाई। वह मोदी कैबिनेट का नया युवा चेहरा बन सकते हैं। उनके अलावा जबलपुर से भाजपा सांसद राकेश सिंह का भी नाम चर्चा में है।
4. उत्तर प्रदेश में अपना दल की अनुप्रिया पटेल का नाम सबसे आगे है। अनुप्रिया पिछले महीने दिल्ली जाकर गृह मंत्री अमित शाह से भी मिली थीं। उनके अलावा वरुण गांधी, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम के नाम की भी काफी चर्चा में है।
तीन पूर्व मुख्यमंत्री समेत डिप्टी सीएम भी चर्चा में
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को भी केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। तीरथ सिंह रावत ने 2 दिन पहले 3 जुलाई को ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इनके अलावा बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।
इनके साथ ही लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग नामग्याल, कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी, उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी, राजस्थान से राहुल कासवान, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक और ओडिशा से अश्विनी वैष्णव का नाम भी शपथ लेने वालों में शामिल हो सकता है।
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