भारत देश पूरे विश्व में जनसंख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है इसका मुख्य कारण यह है कि भारत देश अनेक जातियों का देश है यहां अनेक जातियां धर्म रूप रंग विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं जिसकी वजह से यहां जनसंख्या नियंत्रण में नहीं रहती बाहर देश से आए लोग भी भारत देश में रहकर अपने परिवार की संख्या बढ़ाकर एक जिले की संख्या के बराबर अपना परिवार बना लेते हैं जिसकी वजह से खामियाजा देश में रहने वाले आम नागरिक को भुगतना पड़ता है
क्योंकि बच्चे पैदा करना तो आसान है लेकिन उन्हें पालना बेहद मुश्किल और जब बच्चों को ठीक तरह से लालन-पालन नहीं मिलता तो वह बड़े होकर अच्छी सीख व शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से भारत की जनसंख्या बढ़ती है और लोगों की चिंता।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 11.30 बजे जनसंख्या नीति 2021-2030 लागू की, इस कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर किया गया.।उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति के जरिए परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत होगी।इसके अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना है। साथ ही, सरकार की कोशिश सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की भी होगी।
जच्चा-बच्चा मृत्यु दर की जा सकेगी कम, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने और नपुंसकता/बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराने के लिए सरकार अब हर वो मुमकिन प्रयास करेगी जो संभव होगा ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रजा ने कहा था कि दो बच्चों को हम डॉक्टर और इंजीनियर बना सकते हैं, लेकिन 8 बच्चे होंगे तो साइकिल की दुकान पर पंचर बनाएंगे या फावड़ा लेकर मजदूरी ही करेंगे। इस कानून से प्रदेश के साथ हमारा देश भी आगे बढ़ेगा और बच्चों को अच्छा जीवन मिल सकेगा।
नसबंदी कराने पर मिलेंगे ये सरकारी लाभ, नई नीति के तहत अगर घर का मालिक सरकारी नौकरी में है तो वह नसबंदी कराने के बाद एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ने जैसी कई सुविधाओं का हकदार हो सकते हैं ।
प्राइवेट नौकरी वालों को भी सुविधाएं, इसके अलावा दो बच्चों वाले दंपति अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हें पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है ।
एक संतान के बाद खुद कराई नसबंदी तो बच्चे का इलाज मुफ्त, एक संतान पर खुद से नसबंदी कराने वाले हर अभिभावकों को संतान के 20 वर्ष तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है और इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी वाले दंपती को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का सुझाव भी है
गरीबी रेखा के नीचे वाले अगर एक संतान के बाद कराते हैं नसबंदी, अगर दंपती गरीबी रेखा के नीचे हैं और एक संतान के बाद ही स्वैच्छिक नसबंदी करवाते हैं तो उनके बेटे के लिए उसे 80 हजार और बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने की भी सिफारिश की गई है
कानून का उल्लंघन करने पर चली जाएगी नौकरी, अगर यह कानून लागू हुआ तो एक साल में सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों, स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथपत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे। अगर ऐसा करते हैं तो इसमें सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने व बर्खास्त करने तक की सिफारिश है।
एक से ज्यादा शादियां की तो? इसके अलावा, अगर कोई आदमी एक से ज्यादा शादी करे तो भी सभी पत्नियों से मिलाकर दो ही बच्चे होने चाहिए. दो से ज्यादा बच्चे होने पर वह व्यक्ति सुविधाओं से वंचित होगा. यही केस महिलाओं के साथ भी है। अगर कोई स्त्री एक से ज्यादा शादी करती है तो सभी पतियों के साथ दो से अधिक बच्चे होने पर उसे भी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
ये लोग नहीं आएंगे इस दायरे में, हालांकि, एक्ट लागू होते समय प्रेग्नेंसी की स्टेज है या दूसरी प्रेग्नेंसी के समय जुड़वा बच्चे होते हैं तो ऐसे केस कानून के दायरे में नहीं आएंगे. अगर किसी का पहला, दूसरा या दोनों बच्चे नि:शक्त हैं, तो उसे भी तीसरी संतान पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा।तीसरे बच्चे को गोद लेने पर भी रोक नहीं रहेगी।
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