एडीआर यानी नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा तैयार की गई मंत्रियों के चुनावी हलफनामे के आधार पर रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे में पता चला कि केंद्र सरकार के नए मंत्रिमंडल में अधिकांश मंत्री दागी हैं। कईयों पर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, तो अधिकांश मंत्री करोड़पति हैं।
वहीं रिपोर्ट मंत्रियों के चुनावी हलफनामे के आधार पर तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल के 78 मंत्रियों में से 42 प्रतिशत पर आपराधिक केस है। हत्या जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। दो दिन पहले जिन 15 नए कैबिनेट मंत्री और 28 राज्य मंत्री को शपथ दिलाई गई है।
उसमें से कई के नाम इस तरह के मामलों में शामिल है। मंत्रिमंडल में ऐसे मंत्रियों की संख्या 33 है। वहीं 24 यानी 31 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज है। देश के सबसे कम उम्र के नए गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हत्या का मुकदमा दर्ज है।
35 साल के प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार इलाके से आते हैं और उन्होंने 8वीं तक पढ़ाई की है। वहीं चार अन्य मंत्री पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। इसमें अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बारला, गृह-युवा व खेल राज्यमंत्री प्रमाणिक, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और विदेश व संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन शामिल हैं।
ADR की रिपोर्ट के अनुसार, कैबिनेट के 78 मंत्रियों में से 70 यानी 90 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं। इनकी औसतन संपत्ति 16.24 करोड़ रुपये है। चार मंत्रियों ने अपनी 50 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की है। इनमें नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वाणिज्य उद्योग व कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल, MSME मंत्री नारायण राणे और कौशल विकास व इलेक्ट्रॉनिकी आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर शामिल हैं।
12 मंत्रियों यानी 15 प्रतिशत ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच बताई है, जबकि 64 यानी 82 प्रतिशत मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और उससे ज्यादा बताई है। 2 मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता डिप्लोमा बताई है। 2 मंत्री 8वीं पास, 3 मंत्री 10वीं पास तो 7 मंत्री 12वीं पास हैं। 15 मंत्री स्नातक हैं, तो 17 मंत्री व्यावसायिक विषयों में स्नातक हैं। 21 मंत्रियों के पास पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है, तो 9 के पास डॉक्टरेट की उपाधि है।
वहीं 8 मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने बताया है कि उनकी संपत्ति एक करोड़ से कम है। इनमें प्रतिमा भौमिक, जॉन बारला, कैलाश चौधरी, विश्वेश्वर टुडू, वी मुरलीधरन, रामेश्वर तेली, शांतनु ठाकुर और नीतीश प्रमाणिक शामिल हैं। 16 मंत्रियों ने अपनी देनदारी 1 करोड़ से अधिक बताई है। इन 16 में से 3 मंत्रियों ने अपनी देनदारी 10 करोड़ से अधिक है। इनमें नारायण राणे, पीयूष गोयल और कृष्ण पाल शामिल हैं।
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