सेक्टर 86 बुढ़ेना चौक पर एक एनजीओ स्थापित है जो फरीदाबाद के लावारिस पशु पक्षियों की देखभाल करता है लेकिन पिछले कई दिनों से उन्हें एक भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा था । बताना चाहेंगे कि उनके पीपुल फॉर एनिमल – यूनिट 2 के हॉस्पिटल जो बुढ़ेना गांव , गुर्जर चौक के नजदीक स्थित है आए दिन वहां जलभराव के कारण जहरीले सांप दिखाई देते है ।
इस एनजीओ कि करता धर्ता और इस हॉस्पिटल को चलाने वाली प्रीति दुबे ने पहचान फरीदाबाद से अपनी इस परेशानी को सांझा किया । आपको बता दें हाल ही में पहचान फरीदाबाद की टीम उनकी परेशानी को देखते हुए उनसे मिलने जा पहुंची और उनकी समस्या को अपने चैनल पर दिखाया ।
प्रीति ने बताया कि उन्होंने कई बेजुबान जानवरों का इलाज किया है ।यही नहीं फरीदाबाद में किसी भी इलाके में यदि पशु क्रूरता का मामला सामने आता है तो वे उसके खिलाफ आवाज उठाती है और बेजुबानों की रक्षा करती है। इलाकों में बेजुबानों पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाते हुए कई रेस्क्यू भी किए है।
प्रीति ने बताया कि वो स्मार्ट सिटी फरीदाबाद के लिए काम कर रहे है । गली के आवारा कुत्तों की नसबंदी का ऑपरेशन कर आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर भी रोक लगती है । अब इन दिनों आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही है इसलिए नियमित रूप से उन्हें रोकना अनिवार्य हो चुका है ।
प्रीति ने अपनी समस्या को सामने रखते हुए कहा कि उन्होंने इस जलभराव को लेकर और यहां से निकलने वाले ज़हरीले सांपो से बचने के लिए कई बार शिकायत दर्ज कराई । उन्होंने कहा नगर निगम कमिश्नर यश गर्ग की तारीफ करते हुए कहा उनकी की वो उनकी समस्या को सुनते है और उन्होंने कई बार यहां निगम के कर्मचारियों को भी भेजा है ।लेकिन उनका कहना है कि ये ज़मीन यूपी सरकार के अन्तर्गत आती है ।
आपको बता दें कि ग्रेटर फरीदाबाद से निकलने वाली गुड़गांव कैनाल नहर के नजदीक ये हॉस्पिटल बना है इस वजह से ज़हरीले सांपों का आना जाना लगा रहता है लेकिन जब पानी हॉस्पिटल के अंदर तक आ जाता है तो खतरा और भी ज़्यादा बढ़ जाता है इसलिए मसीएफ को समय समय से यहां भरने वाले पानी की निकासी करनी होगी।
पिछले कुछ दिनों पहले पीपुल फॉर एनिमल एनजीओ के हॉस्पिटल के वॉशरूम में एक अजगर आकर कुंडली मार के बैठ गया । वाशरूम में लगी टाइल को तोड़ कर वो बाहर आ निकला प्रीति और उनके साथी काफी डर गए ।लेकिन प्रीति ने हिम्मत जुटाते हुए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को इस बारे में सूचना दी और तुरन्त उनके द्वारा एक्शन लिया गया। अब प्रीति को ये ज़मीन हॉस्पिटल चलाने के लिए दी गई है तो उसकी ज़िम्मेदारियां भी तो निभानी होगी। सीमा विवाद के चक्कर में प्रीति को काफी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन उन्होंने पहचान फरीदाबाद से जब बात चीत करी तो इस समस्या का हल हुआ ।
जानिए कैसे हुआ हल ?
प्रीति कि खबर पहचान फरीदाबाद के चैनल पर लगाई गई और इसी के संदर्भ संबधित अधिकारी ओमवीर जी से बातचीत की गई ।उन्होंने बताया कि वे अपनी टीम की साथ वहां समस्या के समाधान के लिए जा चुके है , लेकिन ग्रीन बेल्ट के बीच बने रहने की वजह से पानी कि समस्या रहेगी ही और सड़क से नीचे की तरफ हॉस्पिटल बना हुआ है इसलिए जलभराव की समस्या का हल करना काफी मुश्किल है । ये ज़मीन यूपी सरकार के अन्तर्गत आती है ,इसलिए इससे जुड़े फैसले लेने के लिए कठिनाई हो सकती है ।
इसी के संदर्भ में एमसीफ कमिश्नर यश गर्ग ने कहा कि इस मामले की अपडेट के लिए मै तुरंत कोई ना कोई एक्शन लेता हूं और उस हॉस्पिटल के सामने भरे पानी का भी समाधान करवाता हूं ।
आखिर प्रीति और उनकी पीपुल फॉर एनिमल ट्रस्ट की टीम पूरी तरह फरीदाबाद के लावारिस पशुओं की मुमकिन देखभाल कर रही है । ऐसे में फरीदाबाद जिला प्रशासन का ये फ़र्ज़ बनता है कि उनकी समस्याओं के लिए हल निकले और mcf कमिश्नर यश गर्ग ने भी तुरन्त एक्शन लेते हुए इस मामले पर गौर किया और बुधवार दोपहर तक कर्मचारियों द्वारा इलाके कि सफाई कर वा दी ।
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