भारत वह देश है जहां का बच्चा-बच्चा देश की आन बान और शान के लिए कुछ भी करने को तैयार है लेकिन वहीं दूसरी ओर हरियाणा से एक शर्मनाक खबर सामने आई है जिसको पढ़ने के बाद शायद आप भी भावुक हो जाएंगे लेकिन सच्चाई से भागा नहीं जा सकता इसलिए आप भी जाने की कैसे हरियाणा पुलिस की आड़ में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारत की हर एक जानकारी दे रहा था यह जासूस और केवल पुलिस ही नहीं सेना में भी कर चुका है काम।
हरियाणा पुलिस का एक सिपाही अपने देश से गद्दारी कर पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हरियाणा पुलिस का ये जवान पहले अपनी सेवाएं सेना में भी दे चुका है। वह रिटायरमेंट के बाद पुलिस दल में शामिल हुआ था। लेकिन सेना यह ना जान सके कि उन्होंने अपने ही घर में एक सपोला सांप पाल रखा है जो देश से गद्दारी करते हुए दुश्मन को सारी जानकारियां पहुंचा रहा है।
आरोपित की पहचान अम्बाला निवासी सुरेंद्र के रूप में की गई है। वह हरियाणा पुलिस में बतौर सिपाही के पद पर तैनात है और पलवल लघु सचिवालय में DPO गार्ड में ड्यूटी करता था।
पलवल पुलिस को गुप्त विभाग की सूचना मिली कि आरोपी सिपाही सुरेंद्र के द्वारा भारतीय सेना की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी को दी जा रही है। जिसके बाद पलवल पुलिस ने आरोपी सिपाही को लघु सचिवालय से ही गिरफ्तार कर लिया।
फौज में भी था सैनिक
आरोपी सिपाही वर्ष 2018 में फौज से रिटायर होकर हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हो गया और ट्रिक सूत्रों के मुताबिक पुलिस पूछताछ में ऐसा खुलासा माना जा रहा है कि वर्ष 2018 से ही भारतीय सेना की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंसी को मुहैया करा रहा था।
वह फेसबुक के माध्यम से आरोपी सिपाही का संपर्क पाकिस्तानी एजेंसी में काम करने वाली किसी महिला से हुआ और उसी महिला के संपर्क में आकर वह भारतीय सेना की गुप्त सूचनाओं को पाकिस्तानी एजेंसी को दे रहा था। इसकी एवज में आरोपी सिपाही पाकिस्तानी एजेंसी से पैसे ले रहा था। पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपी सिपाही पाकिस्तानी एजेंसी से अब तक करीब 70 हजार रुपये ले चुका है।
पुलिस ने आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। इसके साथ ही आरोपी के फोन को साइबर सेल को सौंप दिया गया है ताकि फोन के माध्यम से जो चैट पाकिस्तानी एजेंसी की महिला कर्मचारी के साथ की गई है।
यहां तैनात रहा था देशद्रोही
इस मामले को लेकर विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच प्रवीर रंजन ने बताया कि परमजीत के मोबाइल से भारतीय सेना से संबंधित बेहद संवेदनशील जानकारियां मिली हैं। दो साल पहले उसकी तैनाती जैसलमेर के पोखरण स्थित सेना के कैंप में रसद आपूर्ति विभाग में थी। उसके आर्डर पर ही बीकानेर निवासी हबीबुर्र रहमान सेना को रसद, दूध, मीट व सब्जियां आपूर्ति करता था। ऐसे में दोनों में जान पहचान हो गई।
इसी दौरान हबीबुर्र रहमान ने परमजीत को सेना से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज मुहैया कराने के लिए राजी कर लिया था। इसके बाद परमजीत का तबादला जब आगरा कैंट में अतिसंवेदनशील एस्टेब्लिशमेंट विभाग में क्लर्क के तौर पर किया गया तब हबीबुर्र के लिए वह बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गया। इसके बाद से देश की सुरक्षा व सेना से जुड़े अतिसंवेदनशील गोपनीय दस्तावेज आसानी से मिलने लगे। इन्हें उसने सीधे ISI अथवा हैंडलरों व पाकिस्तान से जुड़े अन्य जासूसों को बेचना शुरू कर दिया।
जांच से पता चला कि हबीबुर्र को परमजीत वाट्सएप व टेलीग्राम के जरिये दस्तावेज मुहैया करता था। दस्तावेज को हबीबुर्र आगे आइएसआइ व हैंडलरों को भेज देता था। जांच में पता चला है कि हबीबुर्र की बुआ पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहती हैं। वह कुछ साल पहले अपनी बुआ के पास गया हुआ था। वहां कमल और मतीम दो हैंडलरों से उसकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने हबीबुर्र रहमान से भारत में सेना से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराने के लिए कहा था। इसके बदले उन्होंने मोटी रकम देने का प्रलोभन भी दिया था।
संवदेनशील दस्तावेज मुहैया कराने के लिए हबीबुर्र रहमान परमजीत को मोटी रकम दी जाती थी। रकम के बारे में सही जानकारी अभी पुलिस को नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि जासूसी करने के एवज में पाकिस्तान से हवाला के जरिये हबीबुर्र को पैसा आता था।
देश के ऐसे गद्दारों को जीने का कोई हक नहीं है जो जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं ऐसे गद्दारों को तो सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए भारत देश में देशद्रोह की सजा कोई भले दे ना दे लेकिन भारत का हर एक नागरिक देशद्रोहियों से सबसे अधिक नफरत करता है ऐसे में भारतीयों की भावनाओं को समझते हुए सरकार को इस देशद्रोही को क्या सजा देनी चाहिए यह देखना जरूरी है यदि आप इस देशद्रोही को सजा देना चाहते हैं तो आपके मुताबिक इस देशद्रोही को क्या सजा देनी चाहिए ?
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