केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया कृषि कानून अब हर एक नेता के लिए किसी ना किसी तरह परेशानी का सबब बनता जा रहा है, खासकर कि हरियाणा में तो इसका जबरदस्त प्रभाव देखने को मिल रहा है।
इसका ताजा उदाहरण हरियाणा के जींद जिले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को उन्हें संबोधित करने के लिये माइक नहीं देने पर भी मिला। जिससे वह नाराज होकर बिना बोले ही वापस लौट गये।
दरअसल, धरना स्थल पर पहुंचते ही चौटाला का स्वागत किया गया और मंच के सामने बैठने के लिए कुर्सी दी गई लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने उन्हें माइक नहीं दिया इससे नाराज चौटाला बिना बोले ही लौट गए।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का यहां आने का कार्यक्रम एक सप्ताह पहले ही तय हो चुका था . संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों -कैप्टन भूपेंदर व सतबीर बरसोला ने बताया कि उन्होंने पहले ही इनेलो के स्थानीय नेताओं को अवगत करा दिया था कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल के नेता को यहां मंच साझा नहीं करने दिया गया है और चौटाला को भी मंच व माइक साझा नहीं करने दिया जाएगा।
एक अन्य कार्यक्रम में खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसान एवं मजदूर विरोधी बताया। गौरतलब, पिछले सात महीने पहले से केंद्र सरकार द्वारा पारित किए कृषि कानूनों के खिलाफ धरने प्रदर्शन का अंजाम आए दिन किसानों के विरोध प्रदर्शन के रूप में देखने को मिला रहा हैं।
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