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वन विभाग की जमीन पर बसे अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर, प्रशासन ने तैयारी की शुरू

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की गाज अब अरावली वन क्षेत्र में बसे अवैध फार्म हाउस तथा अन्य संस्थानों पर भी गिरने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव के बाद वन क्षेत्र में बसी सभी अवैध निर्माणों को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं जिसके बाद जिला प्रशासन ने भी अपनी तरफ से तैयारियां शुरू कर दी है।

जिला प्रशासन इसके लिए सभी अवैध फार्म हाउस, शिक्षण संस्थान व अन्य निर्माण मालिकों को चार दिन का नोटिस देगा और अगर इस बीच वह स्वयं अपने अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। अवैध निर्माणों इस लिस्ट में शहर के कई बड़े शिक्षण संस्थान तथा फार्म हाउस शामिल है जिसमें मानव रचना कॉलेज तथा अरावली स्कूल प्रमुख है।

वन विभाग की जमीन पर बसे अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर, प्रशासन ने तैयारी की शुरू

दरअसल, 7 जून को सुप्रीम कोर्ट ने अरावली वन क्षेत्र में बसे खोरी गांव के करीब 10000 मकानों को हटाने के आदेश दिए जिसके बाद निगम प्रशासन की ओर से खोरी गांव में लगातार अवैध निर्माण कार्य को हटाया जा रहा है।

फरीदाबाद नगर निगम को बीते 19 जुलाई तक तोड़फोड़ की कार्यवाही की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को पेश करनी थी परंतु निगम प्रशासन ऐसा नहीं कर पाया और सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा जिस पर कार्यवाही करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम को 4 हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है वहीं अरावली वन क्षेत्र में बसे सभी अवैध निर्माणों को हटाने के आदेश दिए हैं।

जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने बताया कि इस मामले में वन विभाग नोडल विभाग है और जिला वन अधिकारी की तरफ से सभी को क्षेत्रों को नोटिफाई किया गया है। इस मुद्दे पर पिछले वर्ष जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण को भी रिपोर्ट सौंपी गई थी।

इसके अलावा पूरे क्षेत्र का ड्रोन से सर्वे भी करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों में यह स्पष्ट है कि पीएलपीए की जमीन को पूरी तरह से अवैध कब्जों से मुक्त करवाया जाए।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से खोरी क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है उसके साथ-साथ ही इन अवैध निर्माणों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने के बाद अगर अवैध निर्माण को मालिक स्वयं नहीं हटाता है तो प्रशासन उसे हटाने की कार्रवाई करेगा और उसका खर्च भी मालिक से ही वसूल किया जाएगा।



जिला वन अधिकारी राजकुमार ने कहा कि जिला फरीदाबाद में पीएलपीए की लगभग 5430 हैक्टेयर जमीन है और इसमें से 500 हैक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण है।

उन्होंने कहा कि इस जमीन पर 130 से 140 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उन्हीं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

Avinash Kumar Singh

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