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हरियाणा के हजारों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, सरकार ने की ये बड़ी घोषणा

हरियाणा में हजारों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर। निकाय मंत्री अनिल विज की नजर अब राज्य के नगर निकायों में काम करने वाले सीवरमैन, फायर मैन, सफाई कर्मियों की तरफ है। विज ठेकेदारी प्रथा व एजेंसियों के माध्यम से सेवाएं देने वाले इन सभी कर्मियों को रोकने के विरोध में थे।

विज एक लंबे अरसे से ठेकेदारी प्रथा, व एजेंसियों के माध्यम से सेवाएं देने वाले इन सभी कर्मियों को सीधे ही रखने के पक्षधर हैं। इस संबंध में वह जहां समय-समय पर नगर पालिका कर्मचारी संघ की ओर से ज्ञापन दिए जा चुके हैं।

हरियाणा के हजारों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, सरकार ने की ये बड़ी घोषणा

वहीं कर्मचारी सीधे मंत्री से मुलाकात कर उनके साथ में होने वाले अन्याय के बारे में अवगत करा चुके हैं। आपको बता दे की पहले भी कर्मचारियों ने ज्ञापन दिए थे लेकिन उस समय कार्रवाई नहीं हुई थी।

इस पूरे मसले को समझने के बाद मंत्री भी इन गरीब कर्मियों के पक्ष में हैं। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में एक दिन पहले ही हरियाणा शहरी निकाय विभाग अफसरों के साथ में बैठक के दौरान राज्यभर के निगमों, व सभी छोटे बड़े निकायों से सफाई कर्मियों, फायरमैनों, सीवरमैन का सर्वे करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

इतना ही नहीं बल्कि  मंत्री ने इस सर्वे में सीधे पे-रोल पर काम करने वालों और ठेके, आउट्सोर्सिंग, एजेंसियों के माध्यम से काम कर रहे कर्मियों की संख्या, अवधि, पैसा सारा डाटा मांग लिया है। ताकि वह एक सही फैसला ले सके।

इस पर मंत्री विज का कहना हैं। कि हां, इस बारे में विभागीय अफसरों से मैने जानकारी मांगी है। पहले भी हमने कर्मियों को पे रोल पर लेकर नियुक्ति पत्र सौंपे थे। ठेकेदारी और अन्य तरीकों से रखने में कईं प्रकार की शिकायतें लगातार आ रही हैं।

और यह समस्या बढ़ती जा रही है। सफाई कर्मचारी संगठन के प्रदेश स्तरीय नेता नरेश शास्त्री का एक इस यह कहना हैं कि राज्यभर में लगभग दस हजार कर्मी अभी भी ठेकेदारी के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं। अब से पहले 1366 फायरमैन और पांच हजार के करीब सफाई कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए थे।

हरियाणा नगर पालिका सफाई कर्मचारी संघ प्रदेशाध्यक्ष नरेश शास्त्री का कहना है कि संगठन पिछले कईं साल से प्रदेश के अंदर ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने की मांग करता चला आ रहा है। ठेका प्रथा में कईं प्रकार से कर्मियों का शोषण किया जाता है। हालाकि अभी भी सफाई कर्मियों, फायरमैनों, सीवरमैन बड़ी संख्या में काम कर रहे हैं। ठेकेदारी प्रथा से भारी संख्या में कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Avinash Kumar Singh

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