हरियाणा कांस्टेबल भर्ती परीक्षा लीक मामले की जांच पड़ताल फरीदाबाद तक पहुंच गई है। इस मामले में करनाल पुलिस ने फरीदाबाद के एक सिपाही समेत दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक सेक्टर 28 पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल लोकेश की भूमिका सामने आई है।
जांच में पता चला कि कांस्टेबल ने अपने पड़ोस में रहने वाले युवक को किसी दूसरे के नाम से परीक्षा में बिठाया था। लोकेश के साथ–साथ उसके सहकर्मियों से भी पूछताछ की तैयारी में है। इसके साथ ही जिले के उच्च अधिकारियों ने भी लोकेश पर विभागीय कार्यवाही की तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा एक अन्य युवक को भी फरीदाबाद से दबोचा गया है। यह हिसार का रहने वाला है लेकिन पुलिस ने अभी तक इसकी पहचान उजागर नहीं की है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि इस मामले में जैसे ही जांच एजेंसी विभाग को पत्र लिखकर सूचित करेंगी, वैसे ही आरोपित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
पेपर लीक मामले में सिपाही लोकेश के साथ साथ अन्य पुलिसकर्मीयों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि कहीं उसके साथ अन्य पुलिसकर्मी भी तो शामिल नहीं थे। पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल्स निकलवाई है। इसकी वजह से कई पुलिसकर्मी परेशान हैं।
पुलिस सूत्रों से पता चला है कि डिटेक्टिव स्टाफ टीम फरीदाबाद के इन पुलिसकर्मियों से जल्द ही पूछताछ करेगी। सेक्टर 28 और सेक्टर 31 थाने में तैनात पुलिसकर्मी उनके रडार पर हैं। जांच टीम को शक है कि यहां के कुछ पुलिसकर्मी भी इस मामले में लोकेश की मदद कर रहे थे।
फरीदाबाद पुलिस के अधिकारियों के अनुसार 7 अगस्त से लोकेश अनुपस्थित था। वही 9 अगस्त को भर्ती परीक्षा थी। लोकेश की गिरफ्तारी के बाद उसके साथी हैरानी जता रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि करनाल से उसके खिलाफ रिपोर्ट आने के बाद विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट सरकार को भेजी जायेगी। उसे बर्खास्त किया जा सकता है। फिलहाल वह करनाल पुलिस की रिमांड पर है। जांच यह भी पता चला कि पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपित रोहतक के डीसीपी के गनमैन प्रवेश के साथ वह परीक्षा के दौरान मौजूद था।
यद्यपि, बताया जा रहा है कि सिपाही लोकेश को करनाल से गिरफ्तार किया है, लेकिन चर्चा है कि उसे फरीदाबाद से दबोचा गया है। पुलिस का कहना है कि घटना वाले दिन लोकेश मुख्य आरोपित प्रवेश के साथ हरियाणा सरकार लिखी बोलेरो गाड़ी में मौजूद था। यह गाड़ी लोकेश के पिता सूरज भान निवासी खुबडू रोड गन्नौर, सोनीपत के नाम पर बताई जा रही है। गाड़ी को पलूशन बोर्ड में किराए पर लगाया गया है। पुलिस जल्द ही यह गाड़ी बरामद करेगी।
जांच में सामने आया कि रौनक की जगह पेपर देने वाला आरोपित विक्की सिपाही लोकेश का पड़ोसी है। उसी ने विक्की का संपर्क प्रवेश से कराया था। परीक्षा पास करवाने के लिए आरोपितों का प्रवेश के साथ 6–6 लाख रुपए में सौदा हुआ था। इसमें लोकेश का भी कमीशन था। तीन दिन के रिमांड के दौरान लोकेश से और भी राज खुलने की संभावना है।
सेक्टर 28 के निवासियों ने बताया कि लोकेश सेक्टर 28 की पुलिस चौकी में तैनात था। चर्चा है कि वह अवैध वसूली में भी शामिल रहता था। सिपाही होने के बावजूद वह लक्जरी लाइफस्टाइल जीता था। लोगों ने बताया कि वह हमेशा कहता रहता था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
लोकेश के साथी प्रवेश के बारे में भी पूछताछ जारी है। हरियाणा पुलिस में भर्ती होने के बाद दोनों ने साथ ही में ट्रेनिंग ली थी और तब से यह दोनों दोस्त हैं। प्रवेश रोहतक के एक डीसीपी का गनमैन है, तो वहीं लोकेश सेक्टर 28 पुलिस चौकी में तैनात है।
हिसार के जिले के खांडा खेड़ी गांव के रहने वाले युवक को भी आंसर-की बेचने का आरोप में करनाल पुलिस ने फरीदाबाद से हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अभी उसके बारे में खुलासा नहीं किया गया है। इसकी ऊंची पहुंच बताई जा रही है। करनाल के डीएवी पीजी कॉलेज में बने परीक्षा केंद्र से 2 आरोपितों के साथ ही होटल की पार्किंग से भी 2 लोग पकड़ लिए गए थे। पेपर लीक मामले में अभी तक पुलिस कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। गैंग का मुखिया अब भी फरार है। उसे भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
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