डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 4 वर्ष पूर्व 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौनशोषण मामले में दोषी करार दिया गया था व 28 अगस्त को सजा सुनाई गई थी। गुरमीत राम रहीम को यह सजा साध्वी द्वारा लिखे केवल एक पत्र के आधार पर दी गई थी।
साध्वी द्वारा लिखे इस पत्र को सबसे पहले सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति द्वारा अपने अखबार पूरा सच में प्रकाशित किया गया था, जिसके कुछ पश्चात ही रामचंद्र की हत्या कर दी गई थी। साध्वी द्वारा लिखे गए पत्र के साथ – साथ पत्रकार छत्रपति हत्याकांड मामले में भी राम रहीम सजा काट रहा है।
साध्वी द्वारा लिखे पत्र में ऐसा क्या लिख था, जिसने गुरमीत राम रहीम को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया, आइए जानते हैं :-
सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी
श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत सरकार
विषय : डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ों लड़कियों से दुष्कर्म की जांच करें।
श्रीमान जी,
मैं एक पंजाब की रहने वाली लड़की हूं तथा अब पिछले पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा, हरियाणा में साधु लड़की के रूप में सेवा कर रही हूं। मेरे साथ यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में लगभग 18 घंटों तक सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है और यह यौनशोषण डेरे के महाराज गुरमीत राम रहीम द्वारा जा रहा है।
मैं बीए पास लड़की हूं और मेरे परिवार के सदस्य गुरमीत सिंह महाराज के अंध भक्त हैं जिनकी प्रेरणा से ही मैं डेरे में साधु बनी थी। साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्या साधु गुरुजोत ने रात के करीब 10 बजे मुझसे कहा कि आपको पिता जी ने गुफा यानि अपने रहने के स्थान पर बुलाया है। मैं यह सोचकर काफी खुश थी कि आज परमात्मा ने मुझे खुद बुलाया है। मैं पहली बार वहां जा रही थी इसलिए मैं बेहद खुश भी थी। गुफा में ऊपर जाकर मैंने देखा कि महाराज बेड पर बैठे हैं। उनके हाथ में रिमोट है तथा सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। साथ में बेड पर सिरहाने की ओर एक रिवॉल्वर भी रखा हुआ है।
यह सब देखकर मैं हैरान रह गई। मुझे चक्कर आने लगे व मेरे पांव के नीचे से जमीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। ऐसा मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि महाराज ऐसे होंगे ? महाराज ने टीवी को बंद किया और मुझे अपने साथ बिठाकर पानी पिलाते हुए कहा कि मैंने तुम्हें अपनी प्रिय समझकर बुलाया है। यह मेरा पहला दिन था। महाराज ने मुझे बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं तथा तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं। क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था, तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं। जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है तो उन्होंने कहा –
• श्री कृष्ण भगवान थे और उनके यहां 360 गोपियां थीं जिनसे वह हर रोज प्रेम लीला करते थे। फिर भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं तो यह कोई नई बात नहीं है।
• यह है कि यदि हम चाहें तो इस रिवॉल्वर से तुम्हारे प्राण लेकर दाह संस्कार कर सकते हैं। तुम्हारे घरवाले इस प्रकार से हम पर विश्वास करते हैं कि वे हमारे गुलाम हैं। वह हमसे बाहर जा ही नहीं सकते। यह तुमको अच्छे से जानती हो।
• यह कि सरकार में हमारी बहुत चलती है। हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री, पंजाब के केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं। राजनीतिज्ञ हमसे समर्थन लेते हैं, पैसा लेते हैं और हमारे खिलाफ कभी नहीं जाएंगे। हम तुम्हारे परिवार के नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करवा देंगे। परिवार के सभी सदस्यों को अपने सेवादारों से मरवा देंगे और कोई सुबूत भी नहीं छोड़ेंगे। यह तुम्हें अच्छी तरह पता है कि हमने गुंडों से पहले भी डेरे के प्रबंधक फकीर चंद को खत्म करवा दिया था जिनका अता-पता तक नहीं है। न ही कोई सबूत बकाया है। पैसे के बल पर हम राजनीतिक व पुलिस और न्याय को खरीद लेंगे।
इस प्रकार गुरमीत ने मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन महीनों में हर 20-30 दिन बाद किया जा रहा है। आज मुझे पता चला कि मुझ से पहले यहां जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ भी मुंह काला किया गया है। डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं, जोकि शादी की उम्र से निकल चुकी हैं तथा परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। इनमें ज्यादातर लड़कियां बीए, एमए, बीएड, एमफिल पास हैं, मगर घरवालों के अंधविश्वासी होने के कारण वे नरक का जीवन जी रही हैं।
हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख तक न उठाकर देखना, आदमी से 5 से 10 फुट की दूरी पर रहने का आदेश महाराज ने दिया हुआ है। हम दिखावे में तो देवी हैं लेकिन हमारी हालत वेश्याओं से भी बदतर है। एक बार मैने अपने परिवारवालों को बताया कि डेरे में कुछ भी ठीक नहीं है तो मेरे घर वालों ने गुस्सा होते हुए कहा कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरण किया कर। मैं मजबूर हूं। यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां पर दो लड़कियां भी आपस में बात नहीं कर सकतीं।
घरवालों से फोन पर भी बात नहीं कर सकतीं। महाराज के आदेशानुसार हमें घरवालों से बात भी नहीं करने दी जाती। यदि कोई लड़की डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुक्म है कि उसका मुंह बंद कर दो। पिछले दिनों बठिंडा की लड़की साध्वी ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने खुलासा किया तो कई साधु लड़कियों ने ही मिलकर उसे पीटा। जोकि आज भी इस मार के कारण घर पर बिस्तर पर पड़ी है। उसके पिता ने सेवादारों से नाम कटवाकर चुपचाप उसे घर बैठा दिया है। वह चाहते हुए भी बदनामी और महाराज के डर से किसी को कुछ नहीं बता पा रही।
कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने अपने घरवालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था, जो कि अब सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है। संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आकर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार/गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर से कुंडी लगाकर जान से मारने की धमकी दी व भविष्य में किसी से कुछ भी नहीं बताने को कहा। इसी प्रकार कई लड़कियां जैसे कि जिला मानसा, फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की हैं वो भी अपने घर जाकर चुप बैठ गई हैं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है। इसी प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, हनुमानगढ़, मेरठ की कई लड़कियां हैं जो कि डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं बोल पा रहीं हैं।
अत: आपसे अनुरोध है कि इन सभी लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ जान से मार दिया जाएगा यदि मैं इस पत्र के अपना नाम-पता लिखूंगी। क्योंकि मैं चुप नहीं रह सकती और न ही मरना चाहती हूं। जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूं। अगर आप प्रेस के माध्यम से किसी भी एजेंसी से जांच करवाएं तो डेरे में मौजूद 40-45 लड़कियां जो कि भय और डर में हैं। पूरा विश्वास दिलाने के बाद सच्चाई बताने को तैयार हैं। हमारा डाक्टरी मुआयना किया जाए, ताकि हमारे अभिभावकों व आपको पता चल जाएगा कि हम कुमारी देवी साधु हैं या नहीं। अगर नहीं तो किसी के द्वारा बर्बाद हुई हैं। ये बता देंगे कि महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह जी, संत डेरा सच्चा सौदा के द्वारा सभी लड़कियां तबाह की गई हैं।
प्रार्थी
एक निर्दोष जलालत का जीवन जीने को मजबूर (डेरा सच्चा सौदा सिरसा)
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