यमुनागर : हरियाणा के यमुनानगर जिले से एक इंसानियत को शर्मशार कर देने वाली घटना सामने आई। मामला यमुनानगर जिले के ट्रामा सेंटर का है, जहां एक मां अपने मृतक बेटे के पास बैठी घंटों रोटी रही, लेकिन शव को कंधा देने कोई नही आया। जिस कारण शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया।
जवान बेटे के शव को कंधा देने उसके सगे भाई भी या कोई रिश्तेदार भी नहीं आया। अन्य लोगों ने भी अर्थी को कंधा देने से इंकार कर दिया। वह अस्पताल स्टाफ से भी कहती रही कि उसके बेटे का संस्कार कर दो। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि संस्कार कराने का दावा कराने वाली संस्थाएं भी काम नहीं आईं। वहीं दूसरी ओर एक संस्था के सदस्य ने यह कहा कि वे लावारिश का संस्कार करा सकते हैं।
उपर्युक्त मामला यमुनानगर जिले के ट्रामा सेंटर का है, जहां उधमगढ़ गांव की टपरिया निवासी दर्शना देवी ने बताया कि उसके 35 वर्षीय बेटे रणवीर को दो साल पहले एक झगड़े में चोट लग गई थी। तभी से वह बीमार था। शनिवार को सिविल अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है।
बेसहारा मां बेटे की अर्थी को कंधा देने के लिए अस्पताल के कर्मचारियों व अन्य से भी गुजारिश करती रही। लेकिन जब सबने हाथ खड़े कर दिए, तब मां ने जैसे – तैसे पैसे जुटाए। तत्पश्चात अस्पताल के कर्मचारियों ने शव को शमशानघाट पहुंचाया। तब मृतक का दाह संस्कार हो पाया। वहीं इस बारे में यमुनानगर जिले के डीसी का कहना है कि उन्हें मामले की बिलकुल भी जानकारी नहीं थी। प्रदेश में मामला सबके सामने आने के बाद चर्चा का विषय बन चुका है कि बुरे वक्त में खून के रिश्ते भी मुंह मोड़ लेते हैं।
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