देश पर अाई कोरोना आपदा को नियंत्रण में करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरुआती दौर में ही देशव्यापी लॉक डाउन का निर्णय लिया गया ताकि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था और दुनिया के वैज्ञानिकों की समझ से परे साबित हो रही इस महामारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके और इस महामारी से लड़ने के लिए देश में आवश्यक प्रबंध किए जा सके।
शुरुआती दिनों में लॉकडाउन की घोषणा 21 दिनों के लिए की गई थी लेकिन जैसे-जैसे भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों के मामले बढ़ते गए वैसे वैसे ही लॉक डाउन की अवधि को भी बढ़ाया जाता रहा और करीब ढाई महीने तक देशव्यापी लॉकडाउन जारी रहा।
लेकिन जब लॉकडाउन से इस महामारी पर कोई खास प्रभाव पड़ता हुआ नजर नहीं आया और देश आर्थिक मंदी की स्थिति में पहुंच गया तो केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर अनलॉक वन की घोषणा की गई जिसके तहत सभी सुविधाओं को वापस से नियमानुसार सुचारू रूप से चलाने का निर्णय लिया गया।
बात करें फरीदाबाद जिले की तो फरीदाबाद जिले में भी अनलॉक वन के तहत लगभग सभी सेवाओं को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है लेकिन जब से अनलॉक वन की घोषणा हुई है फरीदाबाद के साथ साथ पूरे देश भर में कोरोना वायरस के मामले कई गुना तेजी से बढ़ने लगे हैं।
अनलॉक वन के बाद से फरीदाबाद में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों की डबल होने की रफ्तार करीब 9 दिन हो चुकी है और रोजाना सैकड़ों नए मामले और कई मौतें इस वायरस के कारण फरीदाबाद में देखने को मिल रही है वही बढ़ते आंकड़ों के साथ जिले में निर्धारित किए गए कोविड-19 अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड की कमी पड़ रही है।
जिसके चलते अब सरकार जिले में खाली बड़ी बिल्डिंग्स के सर्वे कर उन्हें आइसोलेशन सेंटर बनाने की योजना तैयार कर रही है ताकि संक्रमित मरीजों को उन सेंटर में रखा जा सके और उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके क्योंकि अस्पतालों में अब बेड की संख्या मरीजों के मुकाबले कम पड़ने लगी है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो अनलॉक वन का यह निर्णय फरीदाबाद ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए घातक साबित हो रहा है क्योंकि फरीदाबाद जिले में कोरोना के आंकड़े काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और मृत्यु दर हरियाणा के अन्य जिलों से काफी ज्यादा है।
वही जिले में आंकड़ों में हो रही इस प्रकार असामान्य वृद्धि के बाद भी राज्य सरकार कुछ फैसले ऐसे लेने पर विचार कर रही है जिनसे यह आंकड़े मौजूदा स्थिति से भी कई गुना तेजी से बढ़ सकते हैं जिसका एक उदाहरण कॉलेज छात्रों की परीक्षाएं हैं जिनके लिए हरियाणा राज्य सरकार द्वारा जुलाई माह निर्धारित किया गया है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो फरीदाबाद ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता का कहना है कि सरकार को जब देश लॉक डाउन का निर्णय लेना चाहिए था सरकार उसी स्थिति में छूट दे रही है जिससे प्रतीत होता है कि सरकार ने लोगों की जान को राम भरोसे छोड़ दिया है।
वहीं कुछ लोग सरकार द्वारा लिए गए लॉक डाउन के निर्णय पर भी सवाल उठा रहे हैं क्योंकि लॉक डाउन के जिस निर्णय से पूरे देश में सैकड़ों समस्याएं उत्पन्न हुई प्रवासी मजदूरों को हजारों किलोमीटर पैदल पलायन करना पड़ा लोग अपने रोजगार से दूर हुए निर्णय का कोई उद्देश्य पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
क्योंकि देशभर में कोरोना वायरस के मामले असामान्य गति से आगे बढ़ रही हैं और सरकार का दावा था कि सरकार लॉक डाउन की इस अवधि के दौरान आवश्यक साधन जुटा सकेगी जिससे आने वाले दिनों में इस महामारी को नियंत्रण में करने में मदद मिल सकेगी।
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