अभी भी देश के कई को -ऑपरेटिव बैंक रिजर्व बैंक के मॉरटोरियम में चल रहे हैं। उन बैंकों में हुई फर्जीवाड़े के बाद रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगा दिया था साथ ही माना जा रहा है कि इन बैंकों को जल्द ही सेटलमेंट होने वाला है इसलिए ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सरकार ने 1 सितंबर 2021 की तारीख तय की है जब यह लेकर अगले 90 दिन के अंदर जमाकर्ताओं को मॉरटोरियम के तौर पर अगले ₹5 लाख मिलेंगे। आपको बता दें कि 30 नवंबर 2021 तक इन बैंकों के जमाकर्ताओं को उनके पैसे वापस मिल सकते हैं,साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस बात 27 अगस्त 2021 को एक सर्कुलर जारी कर दिया गया है।
आपको बता देंगे वित्त मंत्रालय ने कहा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (अमेंडमेंट) एक्ट, 2021 के सेक्शन 1 के तहत सब सेक्शन (2) के मुताबिक केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 की 1 तारीख को इस कानून के प्रावधान को लागू किया जाएगा। इसके इन सभी जमाकर्ताओं को ₹5लाख,मिलेंगे जिन भी बैंकों को रिजर्व बैंक ने मॉरटोरियम पर रखा है।5 लाख रुपये की राशि उन बैंकों के जमाकर्ताओं को भी मिलेगी जो बैंक डिपॉजिट गारंटी एक्ट पारित होने से पहले ही मॉरटोरियम पर चल रहे थे।
इस श्रेणी में और भी कई बैंक शामिल होंगे जिन्हें आरबीआई ने मॉरटोरियम पर डाला है। कुछ बैंकों में 19 दिन की अवधि बढ़ सकती है क्योंकि रिजर्व बैंक खाते में मर्जर, अरेंजमेंट या रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम पर काम कर रहे हैं।
निशांत सिंह, पार्टनर, इंडसलॉ ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ से कहते हैं, रिजर्व बैंक अभी डूबे बैंकों के रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम पर काम कर रहा है। देवी जी का कहना है कि ग्राहकों को ₹5लाख देने की अवधि और 90 दिन के बदले जमा करता हूं घर पर एक 20 दिनों में ₹5 लाख मिलेंगे अब भी बनाने की अवधि बढ़ने का मतलब यह है, कि खाते मे खाते में गए बैंकों को किसी बड़े बैंक से साथ मर्ज कर दिया ताकि ग्राहक को अपनी राशि पाने में आसानी हो।
जो बैंक अभी रिजर्व बैंक के मॉरटोरियम में चल रहे हैं, उनमें गुना, मध्यप्रदेश स्थिति ग्रह को-ऑपरेटिव बैंक, विजयवाड़ा स्थित डेक्कन अरबन को-ऑपरेटिव बैंक और नासिक स्थित इंडीपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक के नाम शामिल हैं. अभी हाल में सरकार ने ऐलान किया था जो कि बैंक मॉरटोरियम में चल रहे हैं, यानी जो बैंक बट्टे खाते में चले गए हैं उनके ग्राहकों को मॉरटोरियम शुरू होने से 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपये मिलेंगे. यह कानून इस साल अगस्त में जारी मॉनसून सत्र में पारित किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने इसके लिए 90 दिन की अवधि को 45-45 दिन के दो हिस्से में बांट दिया है. खाते में गए बैंक शुरुआती 45 दिन में अपने जमाकर्ताओं के रिकॉर्ड रखेंगे और इन सूचनाओं को DICGC को देंगे।अगले 45 दिन में डीआईसीजीसी सभी क्लेम को प्रोसेस करेगा और ग्राहकों को 5 लाख रुपये वापस लौटाए जाएंगे। आपको बता दें कि वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी हैं कि पहले इंश्योरेंस के तहत डूबे पैसे को पाने के लिए 8-10 साल इंतजार करना होता था।लेकिन अब काम 90 के दिन के भीतर पूरा किया जाएगा।बैंकों में जमा मूलधन और ब्याज के रूप में ग्राहकों को 5 लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है।इसका सबसे बड़ा फायदा पीएमसी बैंक को मिलेगा।तभी तो देश के लगभग 50 बैंक रिजर्व बैंक के मॉरटोरियम में आए हैं जिन्हें डिपॉजिट स्कीम का लाभ दिया जाएगा.
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