देशभर में हरियाणा की सड़कों का हाल बेहाल हो चुका है, हरियाणा ऐसा तीसरा राज्य है,जहां सड़कों पर ज्यादातर गड्ढों की वजह से मौतें होते हैं। इसी कलंक को मिटाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मोबाइल ऐप शुरू कर दिया था, किस की सहायता से आसानी से सड़कों पर कर दो की जानकारी के जुदाई जा सकती है, आपको बता दें कि मोबाइल आपकी वजह से सरकार के पास सड़कों की जानकारी भी पहुंचना शुरू हो गई थी, लेकिन शायद इसका लाभ लोगों को नहीं हो पाया।राज्य सरकार द्वारा लांच की गई सफल नहीं हो पाई। सरकार ने हरपथ ऐप की शुरुआत अप्रैल 1, 2020 में की थी जिससे डेढ साल से अधिक हो चुका है।
साथ ही हरियाणा सरकार ने अपने बजट में प्रावधान किया। इस ऐप के माध्यम से सड़कों पर बने गड्ढे हादसों में काफी अधिक संख्या में बढ़ोतरी दर्ज भी की। साथ ही जो भी व्यक्ति सड़कों के गड्ढे की फोटो भेजता है, उसे प्रोत्साहित करने के लिए ₹100 दिया जाएगा। इस ऐप पर फोटो अपलोड करने पर न केवल लोगों को ₹100 का इनाम देने की घोषणा थी बल्कि प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया गया कि जियो मैपिंग के माध्यम से सड़कों का पता लगा लगा कर संबोधित ठेकेदार से 9 घंटों के भीतर रोड को ठीक करा दिया जाएगा। साथ ही अगर ठेकेदार 9 घंटे के भीतर रोड को ठीक नहीं करता तो प्रतिदिन के हिसाब से एक हजार रुपे का जुर्माना लगाया जाएगा। अभी आपको बता दें कि इस जुर्माना राशि में से ही शिकायतकर्ता को ₹100 का इनाम भी दिया जाएगा।
अगर हरियाणा के सड़कों की बात करी जाए तो देशभर में सड़क हादसों की असली वजह गड्ढे ही होते हैं सड़क हादसों में काफी अधिक संख्या खराब रोड या अधिक से अधिक गड्ढों के कारण ही होते हैं। सरकारी आंकड़ों को देखा जाए तो 2025 से लेकर साल 2018 के बीच सड़क पर गड्ढे की वजह से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और गड्ढों की वजह से ही बहुत चोटे लगती हैं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सड़क हादसों में नंबर एक पर आता है,सबसे ज्यादा गड्ढों की वजह से महाराष्ट्र में हादसे होते हैं। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का नाम लिया जाता है, इस कड़ी में हरियाणा भी पीछे नहीं है हरियाणा में भी सबसे ज्यादा गड्ढों के कारण हादसे सुनने में आते हैं।
इसी वजह से सरकार द्वारा ऐप शुरू कर दी गई लेकिन सरकार की है ऐप सफल नहीं हो पाई। हरपथ ऐप शुरुआत हो, तो लोगों को लगा शायद सड़कों की परेशानी दूर होती लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अपनी लोगों को सड़कों की वजह से अपनी जान गवानी पड़ रही हैं।
आपको बता दें कि सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा करी गई थी, लेकिन स्मार्ट सिटी बनाने में सरकार असफल हो गई है। लोगों को ऐसा लगता है कि सड़कों पर नहीं गडढों पर चल रहे हैं। सरकार के स्मार्ट सिटी बनाने की योजना पूरी तरह फ्लॉप हो गई है। साथ ही आपको बता दें कि राज्य भर के इन प्रमुख शहरों की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है, जिसमें से एक है,फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्र के स्मार्ट शहरों के अंतर चुना जाता है। लेकिन फरीदाबाद की सड़कों का हाल भी बहुत ही ज़्यादा खराब हो चुका है, लोग सड़कों पर कम कर गड्ढों पर ज़्यादा चलते हैं। और कोई भी विभाग इनकी स्थिति को सुधारने की दिशा में काम नहीं करना चाहता है। कारण की वजह से सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं रोडो की वजह से होती है।
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