हरियाणा के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक अधिकारी समीर पाल सरो को हरियाणा के ‘राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण’ का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। भारत सरकार के पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। आज दोपहर बाद उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है।
ज्ञात रहे कि वर्ष 2002 बैच के आईएएस अधिकारी समीर पाल सरो हरियाणा के सूचना, जनसपंर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक के पद से करीब 2 साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे।
वैसे तो सरो ने राज्य के कई जिलों में उपायुक्त के तौर पर भी सफलतापूर्वक कार्य किया है परंतु सूचना, जनसपंर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक के रूप में उनके कार्यों को काफी याद किया जाता है। सूचना, जनसपंर्क एवं भाषा विभाग को राज्य सरकार में अहम विभाग माना जाता है, क्योंकि प्रदेश सरकार की नीतियों के प्रचार-प्रसार की जिम्मेवारी इसी विभाग के कंधों पर रहती है।
यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है, ऐसे में विभाग के निदेशक/महानिदेशक का मुख्यमंत्री से सीधा संपर्क रहता है और अधिकतर बड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए विचार-विमर्श होता रहता है। श्री सरो ने इस विभाग में 4 जुलाई 2016 को निदेशक के पद पर ज्वाईन किया था। उसके बाद मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को उनकी कार्यशैली इतनी पसंद आई कि इनको सेवानिवृत्ति तक इसी विभाग की जिम्मेवारी सौंपे रखी।
उनकी मुख्यमंत्री के करीबी व विश्वासपात्र अधिकारियों में गिनती रही है।
अगर समीर पाल सरो के सूचना, जनसपंर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक के पद पर रहते हुए मुख्य कार्यक्रमों का जिक्र करें तो वर्ष 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व उत्सव पर सूचना, जनसपंर्क एवं भाषा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया था।
हरियाणा में आयोजित इस भव्य उत्सव की पूरे देश में सराहना हुई थी। इसके साथ ही गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाशपर्व के कार्यक्रम को पटना में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया गया था। उस वक्त हरियाणा सरकार ने श्रद्धालुओं से भरी दो रेल वहां भेजी थी । मुख्यमंत्री ने यह बड़ा कार्य समीर पाल सरों को सौंपा था । इन्हीं के निदेशक पद पर रहते हुए जहां सूरजकुंड में अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के उत्कृष्ट प्रदर्शन व प्रचार-प्रसार हुआ वहीं कुरूक्षेत्र के अंतर्राष्टरीय गीता महोत्सव की धमक मलेशिया तक सुनाई दी थी।
उनकी देखरेख में ही 27 अक्तूबर 2018 को हरियाणा फिल्म पोलिसी का निर्माण किया गया था जिसकी चर्चा बालीवुड तक रही है।
अब केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा श्री समीर पाल सरो को ‘राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण’ का चेयरमैन नियुक्त करने से प्रदेश में पर्यावरण में सुधार के प्रति राज्य सरकार का यह प्रभावी कदम माना जा रहा है। विभिन्न प्रकार के सरकारी व प्राइवेट प्रोजेक्ट्स के लिए पर्यावरण से जुड़ी क्लीयरेंस इसी प्राधिकरण द्वारा दी जाती हैं। पहले यह काम केंद्र के स्तर पर होता था, लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने इसके लिए राज्यों को अधिकार दे दिए। ऐसे में ‘वर्ल्ड कार-फ्री डे’ के अवसर पर श्री सरो को ‘राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण’ के चेयरमैन की बड़ी भूमिका देना कहीं न कहीं केंद्र व राज्य सरकार का उनके प्रति विश्वास दर्शाता है।
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