Categories: Faridabad

बिना कोचिंग लिए फरीदाबाद की लाडली सौम्या आनंद ने हासिल किए 492 रैंक, बधाईयों का उमड़ा सैलाब

कहने को हर क्षेत्र में कॉन्पिटिशन करने वाले अनगिनत है। मगर एक नया मुकाम हासिल करने के लिए जहां अपने परिक्षम में कोई कमी नही छोड़ी जाती तो वहीं अपने भविष्य को संवारने का हौंसला खुद को दुनिया में एक अभिप्रेरित छवि बनाने में मदद करती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया हैं, फरीदाबाद के अंतर्गत आने वाले तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव भुआपुर की सौम्या आनंद ने 492 रैंक हासिल करके पूरे क्षेत्र का नाम देशभर में रोशन करने का काम किया है।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के घोषित परीक्षा परिणाम में सौम्या के इस मुकाम को न केवल पूरा गांव बल्कि पूरा क्षेत्र नाज कर रहा है और उसे बधाईयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसी कड़ी में शनिवार को तिगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ललित नागर ने साथियों के साथ सौम्या आनंद व उसके परिवार को सेक्टर-2 स्थित निवास पर जाकर इस उपलब्धि पर उसे बधाई देते हुए फूलों का गुलदस्ता भेंट कर व उनका मुंह मीठा कराया।

ललित नागर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और सौम्या बिटिया ने यह साबित भी कर दिया, उन्होंने गांव के युवा-युवतियों से सौम्या आनंद से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि वह भी पढ़ाई-लिखाई में अव्वल आएं और इसी प्रकार अपने क्षेत्र का नाम गौरवान्वित करे।

कहां की निवासी है सौम्या आनंद

फरीदाबाद की तिगांव विधानसभा के अंतर्गत आने वाला बुआपुर एक छोटा सा गांव है।

सौम्या को किसने किया तो शायद

सौम्या के दादा तोताराम हमेशा से सामाजिक कार्यों में अग्रणीय रहते हैं और पिता रविंद्र वशिष्ठ तथा चाचा सुंदर सिंह भी अपनी बेटी के यूपीएससी पास करने से खासे प्रोत्साहित करते हैं।

किससे मिली प्रेरणा को सौम्या ने बनाया अपना सपना
सौम्या का कहना है कि उनका परिवार हमेशा से समाज का सहयोग करने के लिए तत्पर रहता है। यही वजह है कि उन्हें अपने परिवार से प्रेरणा मिली, जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी पास करने का सपना देखा।

यूपीएस परीक्षा पास करने का क्या था खास लक्ष्य

वह भी अपने परिवार की तरह से ही समाज की सेवा करना चाहती हैं, इसके लिए यूपीएससी पास करना उनका पहला लक्ष्य था। सौम्या ने अपनी शुरूआती पढ़ाई गांव के स्कूल से ही की। जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को पास करना अपना पहला लक्ष्य निर्धारित कर लिया।

एक छोटे से गांव में पली बढ़ी सौम्या ने यूपीएससी पास करने के लिए किसी भी तरह से कोचिंग नहीं ली। उन्होंने ठान लिया था कि वह अपने दम पर बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा को पास करके दिखाएंगी। कहते हैं कि एक बार यदि कोई इंसान ठान ले तो फिर वह किसी भी मंजिल को हासिल कर सकता है। ठीक सौम्या आनंद की तरह से, जिन्होंने बिना कोचिंग के ही देश की इस सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करके उपरोक्त कहावत को सच साबित कर दिखाया है।

Muskan Gautam

Published by
Muskan Gautam

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 week ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 week ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 week ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

2 weeks ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

3 weeks ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

3 weeks ago