Categories: Politics

कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व हरियाणा में हुड्डा की काट के लिए नही तलाश सका कोई सिद्धू, कोई हस्तक्षेप नही चाहते भूपेंद्र

कांग्रेस के खेमे में इस समय उठापटक का दौर जारी है जिसमे यह अभी यह सुनाई पड़ रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की राजनीति का सिक्का जमाये बैठे भूपेंद्र सिंह हुड्डा नया दल बना कर कांग्रेस को टाटा कहे सकते हैं, इसके पीछे की वजह भी साफ है क्योंकि वो नही चाहते की हरियाणा में किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप करे ।इसलिए उनके समर्थकों का कहना है कि उनको भी हरियाणा में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर की तरह फ्री हैंड छोड़ देना चाहिये।

हालांकि कॉंग्रेस का आलाकमान ऐसा नही चाहता है वो तो कैप्टन पर भी अंकुश लगाना चाहता था पर अमरिंदर के सामने कोई मज़बूद काट नही थी इस तलाश को पूरा किया भाजपा से दुःखी हुए नवजोत सिंह सिंधु ने उन्होंने कैप्टन को कांग्रेस छोड़ने को मजबूर कर दिया, वही सोनिया गांधी ने भी कैप्टन को साफ तौर पर -आई एम सॉरी अमरिंदर बोल दिया

कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व हरियाणा में हुड्डा की काट के लिए नही तलाश सका कोई सिद्धू, कोई हस्तक्षेप नही चाहते भूपेंद्रकांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व हरियाणा में हुड्डा की काट के लिए नही तलाश सका कोई सिद्धू, कोई हस्तक्षेप नही चाहते भूपेंद्र

वही हुड्डा को फिलहाल सॉरी कहना सोनिया के लिए मुश्किल हो रहा है, यद्यपि हरियाणा कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और हुड्डा के बीच जो संग्राम चल रहा है, उसे देखते हुए यह स्पष्ट है कि हुड्डा को असहज करने पर गंभीरता से काम चल रहा है। हुड्डा इसे समझते हैं। इसलिए वह अपनी रणनीति भी उसी के अनुरूप बनाते हैं। कई मुकदमे ऐसे हैं जिसमें सोनिया को अपने परिवार को बचाने के लिए हुड्डा का सपोर्ट जरूरी है

खास तौर से प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा के लिए, जो हरियाणा में हुए भूमि घोटाले में फंसे हैं। हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा भी राहुल और प्रियंका से अपने पिता की पैरवी किया करते हैं। हालांकि सैलजा के समर्थक की बयानबाजी हुड्डा को दुख पहुचाती है

अगर दोनों गुटों के समर्थकों की बात की जाए तो सैलजा के गिने चुने है वही हुड्डा की पकड़ काफी मजबूत हैं यदि आज वो अपना नया दल बनाते हैं तो उनके समर्थक उनके साथ आने को तैयार हो जायँगे जैसे अमरिंदर कर उनके समर्थक साथ है,लेकिन अभी तक हुड्डा के लिए कोई सिंधु नही तलाश कर पाए हैं आलाकमान

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने हुड्डा को चुनौती देने भरसक प्रयास किया था, लेकिन असफल रहे। हुड्डा समर्थकों ने उन्हें पीट तक दिया लेकिन पीटने वालों पर कांग्रेस नेतृत्व ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब तंवर ने देखा कि अधिकतर टिकट हुड्डा समर्थकों को मिल रहे हैं तो उन्होंने खुला विरोध किया पर अंत में उन्हें ही कांग्रेस छोड़नी पड़ी। 

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 week ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 week ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 week ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

1 week ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

2 weeks ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 weeks ago