जानिए कैसे हरियाणा सरकार औषधीय पौधों से रोकेगी कोरोना संक्रमण, घरों में भी कर सकते हैं इनका उपयोग

कोरोना माहमारी इस सदी में इंसानों का सबसे बड़ा दुशमन बन के सामने आयी है | दुनिया के हर कोने में इसी बात का इंतज़ार है कि कब महामारी से बचने के लिए दवा आएगी | भारत, विश्व का सबसे प्राचीन देश है | भारत से ही योग निकला है, भारत से ही आयुर्वेद बना है | भारत समेत बहुत से देश के लोग इस समय आयुर्वेद से रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाने में लगे हुए हैं | आयुर्वेद से संक्रमण होने से बचा जा सकता है |

कोरोना माहमारी को देखते हुए प्रदेश के 1100 गांवों में ‘कोविड वाटिका’ बनाई जाएंगी। कोविड वाटिका में औषधीय पौधे लगाए जाएंगे जो महामारी से लड़ने में मदद करेंगे। हरियाणा सरकार ने साथ ही वन क्षेत्र को 7 फीसदी से 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत इस वर्ष करीब हरियाणा में एक करोड़ 25 लाख पौधे लगेंगे।

एक वन अधिकारी के मुताबिक नर्सरियों में पौधे तैयार कर लिए गए हैं। हरियाणा में मानसून से पहले इन्हें लगा दिया जाएगा। मानसून जैसे ही दस्तक देगा ग्रामीणों को यह पौधे दे दिए जाएंगे। बारिश के मौसम में पौधों को पनपने में आसानी होगी। आशा है कि एक साल के अंदर सभी गांवों में कोविड वाटिका तैयार हो जाएंगी। हर ब्लॉक में पहले एक वाटिका बनाकर ग्रामीणों को दिखायी जाएगी। इसके बाद ग्रामीण भी आंगन या खेत में ऐसी वाटिका बना सकते हैं। वाटिका में फलदार पौधे भी रोपे जाएंगे। वन विभाग के कर्मचारी गांव-गांव प्रचार भी करेंगे।

महामारी कोरोना अक्सर जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर और बीमार रहते हैं उन्हीं पर ज़्यादा हावी होती है । एलोपैथिक और आयुष विभाग के डाक्टर भी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा सेवन की सलाह देते हैं। यदि ग्रामीण क्षेत्र में औषधीय पौधों वाली कोविड वाटिकाएं बन जाएंगी तो काढ़ा मिलना आसान हो जाएगा।

यह कुछ महत्वपूर्ण औषधीय पौधें होंगे कोविड वाटिका में –

जानिए कैसे हरियाणा सरकार औषधीय पौधों से रोकेगी कोरोना संक्रमण, घरों में भी कर सकते हैं इनका उपयोग

गिलोय – गिलोय का उपयोग कर वात-पित्त और कफ को ठीक किया जा सकता है। यह पचने में आसान होती है, भूख बढ़ाती है, साथ ही आंखों के लिए भी लाभकारी होती है। आप गिलोय के इस्तेमाल से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोग में लाभ ले सकते हैं।

उल्टकंबल- सिर में दर्द होना एक आम समस्या है। उलटकंबल का ऐसे इस्तेमाल करने पर सिरदर्द के परेशानी से जल्दी आराम मिल जाता है। उलटकंबल के पत्तों को पीसकर लगाने से दर्द से जल्दी राहत मिलती है। उलटकंबल का औषधीय गुण गले के दर्द और फूफ्फूस के सूजन को कम करने में जल्दी काम करता है। उलटकंबल जड़ के रस को पीने से लाभ मिलता है।

अकरकरा – अकरकरा में मौजूद एंटी-वायरल गुणों के कारण ये फ्लू और सांस संबंधी सभी समस्‍याओं में लाभकारी होता है।

हारश्रंगार – नियमित रूप से इसका सेवन वर्षों पुराना गठिया के दर्द में निश्चित रूप से लाभ देता है।

चकोतर – उल्टी रोकने के लिए इसके पत्तों का सेवन करना चाहिए |

जो पौधे कोविड वाटिका में लगेंगे उनमें से बहुत से फरीदाबाद के सेक्टर 17 में वन विभाग नर्सरी में रौपे गए हैं | आप चाहें तो वहां से आज्ञा प्राप्त कर इन पौधों को अपने घर ला कर इनका उपयोग कर सकते हैं |

  • Written By – Om Sethi
Avinash Kumar Singh

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