चंडीगढ़- चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका होती है। विश्वविद्यालयों को उद्यमिता को बढावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कौशल विकास तथा निजी व सार्वजनिक इकाईयों के साथ एमओयू साइन करने चाहिए, ताकि विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तिव का विकास किया जा सके।
विद्यार्थियों में कौशल विकास किए बगैर शिक्षा के मूल उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकती। डिग्री के साथ-साथ चरित्र निर्माण पर भी ध्यान देना होगा और नैतिक शिक्षा के माध्यम से इस उद्देश्य की पूर्ति की जा सकती है। पैसा शक्ति नहीं है, बल्कि ज्ञान शक्ति है।
ज्ञान के लिए कौशल विकास करना अत्यंत आवश्यक है और हमारी शैक्षणिक प्रणाली में भी कौशल विकास आधारित पाठयक्त्रमों को बढावा देना होगा, ताकि सुनहरे भारत का निर्माण किया जा सके।
कुलाधिपति विश्वविद्यालय के सभागार में उच्चतर शिक्षा एवं कौशल विकास विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्यअतिथि बोल रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक की गरिमामयी उपस्थिति में युवा कल्याण निदेशालय की पत्रिका त्रिवेणी के प्रथम संस्करण का विमोचन किया और संपादक मंडल को बधाई दी।
विमोचन के दौरान जिला उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन, डा. मंजू नेहरा, डा. अमित सांगवान, डा. कासिफ, राजेश छिकारा भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि प्राध्यापकों को नवीन ज्ञान अर्जित करने के साथ-साथ विश्व भर में हो रहे शोध कार्यों पर भी पेनी नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सूचना प्रोद्योगिकी के युग में अध्यापकों को नवीनतम तकनीक से भी अपने आपको अपडेट रखना चाहिए।
बंडारू दत्तात्रेय ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में राज्यपाल बनने के उपरांत पहला दौरा था और इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने उनका स्वागत किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय को सैंटर ऑफ एक्सिलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा वर्तमान सत्र में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्त्रम प्रारम्भ करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय द्वारा प्रारम्भ किये गए नए पाठ्यक्त्रम युवा पीढ़ी के लिए स्वर्णिम भविष्य के निर्माण में मिल का पत्थर साबित होंगे।
भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए एक वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने तथा ज्ञान व अनुशासन के बल पर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। वास्तव में शिक्षा मात्र रोजगार प्राप्त करने का माध्यम नहीं है अपितु अपने ज्ञान से मनुष्यता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला साधन है।
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह अत्यंत सुनहरा अवसर है कि कुलाधिपति महोदय अपने किमती समय में से समय निकालकर यहां के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों की हौसलाफजाई के लिए आए हैं।
इस अवसर पर युवा कल्याण निदेशालय द्वारा हरियाणवी, पंजाबी व राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्त्रम प्रस्तुत किया और राज्यपाल ने सांस्कृति कार्यक्त्रम के प्रतिभागियों को 21 हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप देने की घोषणा की। मंच का संचालन युवा कल्याण निदेशिका डा. मंजू नेहरा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल के साथ उनके आईटी सलाहकार बी.ए भानू शंकर, राज्यपाल के एडीसी मेजर जशदीप सिंह, उनके उप निदेशक प्रेस सतीश मेहरा सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, छात्र एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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