विजय रामलीला कमिटी, मार्किट नंबर 1 ने कल अपने स्वर्णिण मंच से वो दिखाया जो आज तक कभी देखने में नहीं आया। मंच पर हो रहे बनवास के दृश्य ने दर्शकों की आँखे आंसुओं से भिगो दी और मन राम वियोग से।
पहले दृश्य में मन्थरा (जतिन भाटिया) ने कैकयी (निमिष सलूजा) को बनवास का वर मांगने को समझाया फिर दृश्य में मन्थरा द्वारा पढ़ाई गयी शिक्षा से कैकयी ने दशरथ (संजय अरोड़ा) के सामने दोनों वर रखे जिस पर विवश दशरथ का विलाप सराहनीय अभिनय रहा।
तीसरे दृश्य में भगवान श्री राम (सौरभ कुमार) ने अपनी माता कौशल्या (मनोज) से जाने की आज्ञा मांगी और माँ पुत्र के उस प्रसंग से पधारी जनता भाव विभोर होगयी, जिसमे श्री राम ने माता को अपने ही दिए संस्कारों का वास्ता देकर कहा – “लाज रख मईया मेरी, अपने दिए संस्कार की, अब दो विदाई राम को उसके नए संसार की” ।
तभी सीता (जितेश आहूजा ) एवं लक्ष्मण (प्रिंस) ने साथ चलने का आग्रह किया जिस पर श्री राम के साथ उनका बेहतरीन प्रसंग दर्शाया गया । अंत में तीनों ने बनवास की राह ली और भगवा वस्त्रों में पुत्रों को महल छोड़ते देख दशरथ कौशल्या के रुदन ने जैसे सबके मन जीत लिए। चेयरमैन सुनील कपूर ने बताया की यह दृश्य सबसे अधिक रिहर्सल होने वाला दृश्य है क्यूंकि इसका सीधा कनेक्शन लोगों के हृदय से होता है और जहाँ हृदय के तार छेड़ने हों वहां अभिनय के अधिक प्रयासों के ज़रूरत पड़ती है। अंत में महाराज दशरथ ने राम वियोग में प्राण त्याग दिए। आज इसी मंच पर होगा राम भरत का मिलन और माँ जानकी का हरण।
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