दिन पर दिन महंगाई बढ़ती जा रही हैं,वही पेट्रोल की दिनोंदिन बढ़ती कीमतों के बाद अपनी कारों में सीएनजी किट लगवाने वाले लोग अब परेशानी से गुजर रहे हैं।आपको बता दे की अत्याधुनिक हाईब्रिड इंजन वाली कारों में सीएनजी किट लगवाने के बाद जब ये लोग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जा रहे हैं। तब उन्हें पता चला कि इसके रजिस्ट्रेशन में पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है। और तीसरे विकल्प के रूप में सीएनजी को रजिस्ट्रेशन कार्ड में जगह नहीं दी जा सकती। ऐसे में लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और आरटीओ और डीलरों के चक्कर काटने में लगे हुए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पेट्रोल की कीमत के बढ़ने के साथ-साथ वाहनों में सीएनजी किट लगवाने वालों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। लोग सीएनजी किट लगी कारें ही खरीद रहे हैं या नई कारों में ही सीएनजी किट लगवा रहे हैं। किट लगवाने के बाद जब वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड को अपडेट करवाने वे लोग आरटीओ कार्यालय पहुंचते हैं,तब पता चलता है कि उनकी कार को इंजन हाइब्रिड है जिसकी वजह से रजिस्ट्रेशन कार्ड को अपडेट करना काफ़ी मुश्किल है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
आपको बता दे की आटोमोबाइल शो रूम के जनरल मैनेजर के अनुसार उनके पास हर रोज ऐसे बहुत से लोग आ रहे हैं, जिन्होंने अभी कुछ ही दिनों में अपनी कार में सीएनजी किट लगवायी है।
तभी कार के दसतावेजों में इसे दर्ज करने की मांग करते हैं लेकिन ये हमारे लिए संभव नहीं है दरअसल उनकी कारों में पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है।आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी का कहना हैं कि इस समस्या को लेकर स्मार्ट चिप कंपनी से बात करने के बाद मुख्यालय से भी सलाह भी मांगी गई हैं ।
इस बारे में जानकारी न होने की वजह से जब वाहन मालिक आरटीओ कार्यालय पहुंचता है, तो उसे पता चलता है, कि उसकी गाड़ी में हाइब्रिड इंजन लगा हुआ है। इसलिए अब इस वजह से उसे अपडेट नहीं किया जा सकता।
जानकारी के अभाव में लोग सीएनजी किट तो लगवा चुके हैं, लेकिन अब परेशान हो रहे हैं । और वाहन मालिक आरटीओ से मांग कर रहे हैं कि उन्हें लिख कर दे दिया जाये कि उनकी गाड़ी हाईब्रिड नहीं पेट्रोल से चलने वाली है,और आरटीओ का कहना है कि ये उनके स्तर पर संभव नहीं है।
जानकारी के मुताबिक बीमा कंपनी के अधिकारी के अनुसार अगर वाहन खरीदने के बाद आप अपने वाहन में किसी भी तरह का बदलावा करवा रहे हैं,और तो और इसकी जानकारी आरटीओ कार्यालय में देना अनिवार्य भी हैं।साथ ही बीमा कंपनी को भी जरूर बताए। क्योंकि ऐसा न हो की आप वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर क्लेम के लिए आवेदन करते हैं, तो बीमा कंपनी इसे सीधे खारिज कर देगी।
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