समय के साथ कई चीजे बदल गयी है। बहुत विकास अब हो चुका है। दिल्ली, भारत की राजधानी ही नहीं, बल्कि देश के सबसे प्राचीन शहरों में से एक भी है। दिल्ली को इंद्रप्रस्थ के नाम से भी जाना जाता है। किसी ज़माने में दिल्ली इन्द्रप्रस्थ की राजधानी भी हुआ करती थी। उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ तक दिल्ली में इंद्रप्रस्थ नामक गांव भी हुआ करता था।
जैसे – जैसे समय बढ़ता गया दिल्ली बदलती गयी। कई बातें बदलती गयी। दिल्ली पर 300 ईसा पूर्व से ही अलग-अलग शासकों ने राज किया। 13वीं शताब्दी में फिरोजशाह तुग़लक दिल्ली का राजा बना। इसके बाद दिल्ली सन 1206 के बाद ‘दिल्ली सल्तनत’ की राजधानी बनी। दिल्ली पर ‘खिलजी वंश’, ‘तुगलक वंश’, ‘सैयद वंश’ और ‘लोदी वंश’ समेत कुछ अन्य वंशों के शासकों ने राज किया।
सन 1921, निर्माणाधीन राष्ट्रपति भवन
सन 1933, दिल्ली के मशहूर ‘कनॉट प्लेस’ का नज़ारा कुछ ऐसा होता था
सन 1895, चांदनी चौक में Tram की सवारी करते लोग
सन 1895, दिल्ली के मशहूर ‘लाल क़िले’ का अद्भुत नज़ारा
सन 1915, चांदनी चौक की मार्किट की ख़ूबसूरत तस्वीर
सन 1933, कनॉट प्लेस का मशहूर PVR प्लाज़ा
सन 1870, दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद की ख़ूबसूरत तस्वीर
सन 1890, दरियागंज मार्किट में मिटटी के बर्तन बेचता दुकानदार
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…
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