हरियाणा में किसानों संगठनों के आंदोलन के चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर खतरा मंडरा रहा है।ऐसे में अधिकारी मनोहारलाल की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित दिखाई पड़ रहे है। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ के पदाधिकारी कई बार बिना किसी सूचना के मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए।
सुरक्षा एजेंसियों को उनके आने की भनक तक नहीं लगी। ऐसे में उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा बढ़ाए जाने की जरूरत है। आपको बतादे की अधिकारियों का कहना है की सीएम की ज्यादा सुरक्षा के लिए उन्हें कम से कम दो बुलेटप्रूफ कार की जरूरत है।
लेकिन इनको खरीदने पर अभी सहमति नहीं बन पा रही है।आंदोलन के बावजूद भी मनोहर लाल खट्टर ने अपने कार्यों में कोई कमी नही की है वे अभी भी फील्ड में रहते है जिससे अधिकारियों को लगता है की उनके साथ कोई अनहोनी न हो जाए पहले भी कई बार मुख्यमंत्री पर अटैक हो चुके है।
लिहाजा इस बार प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं। हरियाणा के मुख्य सचिव विजयवर्धन ने करीब एक सप्ताह पहले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेकर मुख्यमंत्री का सुरक्षा दायरा बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया था।
इसके बावजूद सीएम की सुरक्षा में अभी तक खास बदलाव नहीं हुए हैं। विजयवर्धन ने सुरक्षा दायरा मजबूत बनाने के लिए प्रमुख अधिकारियों को पत्र भी लिखे, लेकिन किसी अधिकारी ने अभी तक उसे गंभीरता से नहीं लिया और मुख्यमंत्री बिना किसी सख्त सुरक्षा आवरण के लगातार फील्ड में जा रहे हैं।
मुख्य सचिव के इस पत्र को सिर्फ औपचारिक माना जा रहा है। इस पत्र को अधिकारियों को स्वयं ही इसलिए लीक कराया है, ताकि जनता में यह संदेश जा सके कि वह वास्तव में सीएम की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, लेकिन असलियत यह है कि अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि मुख्यमंत्री के लिए नई बुलेटप्रूफ गाड़ी खरीदें या नहीं।
सुरक्षा एजेंसियों ने मुख्यमंत्री के लिए दो नई बुलेटप्रूफ गाड़ियों की जरूरत बताई है। पुराने माडल की गाड़ी धीरे चलती है, जबकि नए माडल की गाड़ी महंगी है। मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि उनकी सुरक्षा पर बहुत अधिक खर्च किया जाए, इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने की बजाय खुद को चिंतित बताते हुए अपने दायित्व की इतिश्री कर ली है।
मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे में शामिल अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि नए माडल की दो बुलेटप्रूफ गाड़ियों को अदल-बदल कर काफिले में शामिल किया जाए। निहंगों द्वारा दिल्ली बार्डर के निकट एक व्यक्ति की हत्या कर उसका हाथ व पांव काट देने की घटना के बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी खुद को चौकस दिखा रहे हैं।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को जो पत्र लिखा है, उसके मुताबिक अधिकारियों को मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ होने वाले संवाद के कार्यक्रम रास नहीं आ रहे हैं। इन अधिकारियों का ध्यान कभी इस बात पर नहीं गया कि सीएम निवास के बाहर और भीतर जितने भी सिक्योरिटी कर्मचारी तैनात हैं, वह बरसों से जमे हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ गलत व्यवहार अब उनकी आदत बन चुकी है।
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