आप सभी लोगो ने कुछ अनोखी शादी की कहानियां तो सुनी ही होंगी। ऐसे ही एक जींद जिले की कहानी है जहा ग्रामीणों ने बेटी की शादी में बारातियों का स्वागत पौधे दे कर करना शुरू कर दिया है। वही बात करे वहा के एन्वायरमेंट की तो वो बिल्कुल शुद्ध है क्योंकि जींद जिले के एक गांव उझाना में पेड़ पौधों के तरफ आकर्षित होते दिखाई देते है।बीते पांच साल में गांव में सार्वजनिक स्थानों पर 25 हजार से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं।
आपको बता दे की आईपीएस कुलदीप चहल और हेड कांस्टेबल मनोज कुमार ने ग्रामीण का पर्यावरण संरक्षण और पेड़-पौधों के प्रति यह जज्बा जगाया है।साथ आपको ये बता दू की कुलदीप और मनोज दोनों ही स्कूल समय के दोस्त है उन्होंने स्कूल के साथ साथ नौकरी की तैयारी भी उन्होंने साथ में ही की थी।अब दोनो ने ही गांव को साफ और सुरक्षित बनाने का बीड़ा उठा लिया है।
प्रदूषित हो रहे गांवों के पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रयास सेवा समिति बनाई और गांव के युवाओं को समिति का सदस्य बनाया। समिति के प्रधान सुरेश सिंहमार बताते हैं कि आईपीएस कुलदीप ने युवाओं को हरियाली का महत्व बताया और उन्हें प्रेरित किया।
युवाओं ने भी गांव को हरा-भरा करने में दिल से उनका साथ दिया। गांव के सरकारी अस्पताल, कब्रिस्तान, स्टेडियम, पार्क, मेडिकल, श्मशान घाट सहित सभी सार्वजनिक जगहों पर छायादार, फलदार व फूलदार पौधे लगाए जा चुके हैं।
पौधे लगाने का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। युवाओं ने सिर्फ पौधे लगाकर काम खतम नही किया बल्कि उनकी देखभाल भी की है। समिति में अब तक गांव के 85 युवा जुड़ चुके हैं। प्रधान सुरेश सिंहमार का ट्रैक्टर भी इस मुहिम के लिए 24 घंटे तैयार रहता है।
सुरेश कहते हैं कि पौधों को पानी देने के लिए आईपीएस कुलदीप ने ग्रामीणों को पानी का टैंक दे रखा है। अब गांव में ऐसा माहौल बन चुका है कि युवा खुद ही पौधों में खाद-पानी देने में जुटे रहते हैं।
ग्रामीणों ने अब बेटियों की शादी में बारात को भी पौधे देने शुरू कर दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में छह शादियां हो चुकी हैं, हर शादी में बरातियों को 151 पौधे दे रहे हैं। 21 व 11 पौधे तो हर कार्यक्रम में देते हैं।
ग्रामीणों ने अब बेटियों की शादी में बारात को भी पौधे देने शुरू कर दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में छह शादियां हो चुकी हैं, हर शादी में बरातियों को 151 पौधे दे रहे हैं। 21 व 11 पौधे तो हर कार्यक्रम में देते हैं।
इस मुहिम में पीजीआई में कार्यरत संजय, आबकारी विभाग में कार्यरत अनुज शर्मा, मा. जसमेर, प्रवीन, मनजीत, सतीश कुमार, हवा राम सिंह, रामकला आदि समय-समय पर पौधे लाने व अन्य कार्यों के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं।
जब भी आप उझाना गांव में जाएंगे तो ऐसा अहसास होगा कि मानो प्रकृति की गोद में आ गए हैं। गांव की शुद्ध व स्वच्छ हवा मन को खुश कर देती है। गांव के जोहड़, कब्रिस्तान व श्मशान में लगभग 115 त्रिवेणी लगाई जा चुकी हैं।
यानि नीम, बड़, पीपल के 350 पौधे लगाए गए हैं। स्टेडियम व अस्पताल में अशोक, शहतूत के पौधे लगाए गए हैं। एक हजार सांगवान के पौधे लगाए गए हैं। आंवला, अमरूद, गूगल, कनेर, बाेटल पाम, सहजन, अमलतास, हाथीफल, आम, शीशम के भी काफी पौधे लगे हुए हैं। इन पौधों के रखरखाव के लिए आईपीएस कुलदीप ने 300 ट्री गार्ड भेजे थे।
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