Categories: Faridabad

दिल्ली-अलवर नेशनल हाईवे पर हर महीने क्यों लोग गवा रहे हैं अपनी जान, जाने कारण!

दिल्ली अलवर नेशनल हाईवे पर सड़क हादसे मैं हर महीने 17 लोगों की मौत हो रही है साथ ही 33 लोग जख्मी हो रहे हैं। साथ ही बता दें कि हादसाग्रस्त होने वाले बाइक चलाने वाले की तस्दीक ज्यादा है। और जिला पुलिस का रिकॉर्ड इसकी तकदीर करता है। साथ ही बता दे कि बढ़ते हादसों से खौफजदा स्थानीय निवासी संबंधित हाईवे को चार लेन का बनाने की मांग भी कर रहे हैं।

दिल्ली-अलवर नेशनल हाईवे पर हर महीने क्यों लोग गवा रहे हैं अपनी जान, जाने कारण!

लोगों की जिंदगी बच सके। साथ ही दिल्ली अलवर सड़क के करीब 8 साल पहले ‌ 248ए नेशनल हाईवे का दर्जा दिया गया था। लेकिन तब से इस को चार लेन का बनाने का प्रयास किया जा रहा है।पिछले दिनों उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी इसके चार लेन बनाने के लिए बजट की घोषणा करी, लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है, कि इस सड़क के विस्तार को लेकर घोषणा ही हो रही है काम नहीं हो पा रहा।

दिल्ली-अलवर नेशनल हाईवे पर हर महीने क्यों लोग गवा रहे हैं अपनी जान, जाने कारण!दिल्ली-अलवर नेशनल हाईवे पर हर महीने क्यों लोग गवा रहे हैं अपनी जान, जाने कारण!

आए दिन बढ़ते हादसों में लोगों की जान जा रही है। समाजसेवी अख्तर हुसैन का कहना है कि सर्दी के मौसम में कोहरा बहुत ज्यादा होता है, उसकी वजह से भी सड़क हादसे बढ़ने की आशंका हैं। बता दे कि नेशनल हाईवे 248 पर सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला पिछले कई साल से आ रहा है। साथ ही सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर लोड डंपर व मोटरसाइकिल सवारों के बीच हुई है और सड़क पर कई परिवार के परिवार सड़क दुर्घटना में मौत की नींद भी सो चुके हैं।

बता दे की सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों से पूरे मेवात के लोग दुखी है। साथ ही इसका सबसे बड़ा कारण सड़क का फ़ॉर लाइन न होना है पिछले 8 सालों में कई सामाजिक संगठनों ने इस सड़क को खूनी सड़क का नाम देकर सरकार से फार लाइन करने की धरना प्रदर्शन कर मांग की है, लेकिन भारत सरकार की ओर से न तो नेशनल हाइवे बनाने के लिये फार लाइन करने का काम शुरू किया गया हैं। न ही प्रदेश सरकार ने दिल्ली-अलवर सड़क को फॉर लाइन करने का काम शुरू किया है। लोगों ने इस सड़क का नाम खूनी सड़क रख दिया है।

प्रदेश ट्रेफिक पुलिस के रिकार्ड अनुसार दिल्ली-अलवर मार्ग रोजका मेव नूंह सीमा की शुरुआत से लगभग 65 किलोमीटर अंतिम मुण्डाका सीमा तक वर्ष 2021 में अक्टूबर तक 400 सड़क दुर्घटना दर्ज की गई जिनमे से 174 लोगों की मौत हुई तथा 337 लोग बुरी तरह जख्मी हो चुके है। हालांकि सड़क दुर्घटना में वर्ष 2019 के मुकाबले इस वर्ष सड़क दुर्घटना 150 कम दर्ज हुई है तथा मोतो का आंकड़ा भी हैं 56 मौत कम हुई है लेकिन इस वर्ष में दो माह ओर शेष है।

वर्ष 2019 में 555 सड़क दुर्घटना हुई उक्त सड़क दुर्घटना ज्यादातर ओवर लोड डंपर की तेज रफ्तार बताई जा रही है। जिनमे 554 लोग बुरी तरह जख्मी हुए तथा 230 लोगों की मौत हो गई।वर्ष 2020 में महामारी के कारण लॉक डाउन में सड़क पर वाहनों पर लगाई पाबन्दी के कारण दिल्ली अलवर सड़क पर सड़क दुर्घटना में मौतो की संख्या बहुत कम दर्ज की गई।

जिले के वरिष्ठ समाज सेवी फजरुदीन बेसर कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को देखते हुए दिल्ली-अलवर मार्ग को फार लाइन करने की मांग पिछले कई सालों से सरकार के सामने उठाई जा रही है। कई राजनेताओं के समक्ष भी सड़क को चौड़ीकरण करने मांग की जा चुकी है लेकिन सरकार की ओर मेवात के लोगों की मांग पर आज तक काम शुरू नही किया गया है। फजरुदीन बेसर ने कहा कि आए दिन तेज रफ्तार डम्पर या बड़े ट्रेलरों के कारण छोटे वाहन यात्रियों को अकारण कुचला जा रहा है। इसलिए इस सड़क को खूनी सड़क के नाम से जाने जाना लगा है

साथ ही वाहनो की संख्या के मुकाबले दिल्ली अलवर मार्ग बहुत ही सिकुड़ा है जिस कारण सड़क दुर्घटना ज्यादा हुई है। तभी मेवात के लोगों की दिल्ली-अलवर मार्ग को फॉर लाइन करने की मांग जीवन रेखा से जुड़ चुकी है। साथ ही सरकार यदि मेवात के लोगों की दिल्ली अलवर मार्ग को फॉर लाइन करने की मांग पर काम शुरू नहीं किया और मांग को पूरा करने के लिए जन आंदोलन खड़ा किये जाने पर मंथन किया जाएगा।

जिला ट्रैफिक थाना प्रभारी चांद सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की पुष्टि करते हुए बताया कि सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण तेज रफ्तार से दौड़ने वाले ओवर लोड डम्पर;हाइवा या बड़े ट्रेलर है उन्होंने बतायाकि सड़क दुर्घटना में मरने वालों की ज्यादा संख्या मोटरसाइकिल सवारों दर्ज की गई है। दुर्घटनाओं में स्थानीय वाहन चालको को ट्रेफिक नियमो पालन न करना है।

दूसरा सबसे बड़ा कारण सरकार द्वारा चिन्हित हेलमेट को न पहनना है। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए दिल्ली -अलवर मार्ग पर 17 सम्भावित सड़क दुर्घटना स्थानों को चिन्हित किया गया है। उन पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से रिफ्लेक्टर व साइनिंग बोर्ड लगाने के लिए जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है।

हाईवे पर बढ़ रहे हादसों को लेकर ब्लैक स्पॉट की पहचान की जा रही है। पिछले दिनों सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक में सबंधित विभाग के अधिकारियों को इसके निर्देश दिए गए हैं। की योजना बनाकर हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।

PEHCHAN FARIDABAD

Published by
PEHCHAN FARIDABAD

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 month ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 month ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 month ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

1 month ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

1 month ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

1 month ago