समाज में असामाजिक तत्वों का आतंक खत्म नहीं हुआ है। लड़कियों के प्रति मानसिक दबाव या शारीरिक उत्पीड़न अभी थमा नहीं है। आए दिन ऐसी खबरें आती रहती हैं। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने कुछ हिदायतें जारी की हैं जिसके अनुसार सरकारी स्कूलों में प्रार्थना समय, अर्ध-अवकाश व पूर्ण अवकाश के बाद लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने भी इस कार्यक्रम की तारीफ की और कहा कि यह शिक्षा विभाग का लड़कियों के आत्मरक्षा में निपुण बनाने के लिए बेहतर कदम है।
जिला फरीदाबाद में शिक्षा विभाग इस प्रशिक्षण को बेहतरीन तरीके से लड़कियों को गुर सिखाए।
जिला शिक्षा अधिकारी ऋतु चौधरी ने बताया कि अब जिले की सरकारी स्कूल की बेटियां पेन-पेंसिल और किताबों को हथियार बनाकर अपनी आत्मरक्षा कर सकेगी। इसके अलावा उन्हें ऐसे भी गुर सिखाए जाएंगे जिससे वे इन सामग्री के न होने पर भी अपने हाथ व पैरों की तकनीक से खुद को असामाजिक तत्वों से बचाएंगी।
कार्यक्रम का नाम रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शिक्षा निदेशालय ने इस कार्यक्रम को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण का नाम दिया है। इसमें मुख्यालय स्तर पर मास्टर ट्रेनर आएंगे। प्रति मास्टर ट्रेनर तीन सरकारी स्कूलों का चयन करेगा।
जिसमें वह प्रार्थना समय, अर्ध-अवकाश व पूर्ण अवकाश के बाद लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे। मुख्यालय ने इस कार्यक्रम को 8 नवंबर से शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रति स्कूल 30–35 लड़कियों का ग्रुप
इस योजना के अंतर्गत प्रति स्कूल में 30 से 35 लड़कियों का ग्रुप बनेगा। जिसमें वह मास्टर ट्रेनर से आत्मरक्षा का गुर सीख सकेंगी। मास्टर ट्रेनर 3 माह या फिर 75 दिन तक बेटियों को ट्रेंड करेंगे।
ट्रेनिंग के दौरान स्कूल हेड, महिला शिक्षिका व एक पीटीआई की उपस्थिति अनिवार्य है। ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो। इन लड़कियों को विशेष प्रकार के टिप्स सिखाए जाएंगे ताकि समय आने पर वह अपना बचाव कर सकें।
इस तरह के गोपनीय व रहस्य भरे टिप्स इन बच्चियों के बहुत काम आएंगे। सरकार इस योजना को लेकर काफी उत्साहित है। प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में इस प्रकार का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आत्मरक्षा के सिखाए जाएंगे गुर
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले के सरकारी स्कूलों की लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। इसके लिए मुख्यालय से मास्टर ट्रेनर आएंगे। इसमें विशेष बात यह है कि लड़कियों को पेन, पेंसिल व किताबों से बचाव कर अपनी सुरक्षा करना भी ट्रेनर की ओर से सिखाया जाएगा।
सहायक परियोजना समन्यवक, समग्र शिक्षा विभाग, शिक्षा निदेशालय की मुहिम काबिले तारीफ है। क्योंकि आजकल बेटियों के प्रति शारीरिक व मानसिक शोषण बढ़ रहा है। इसको देखते हुए मुख्यालय ने उन्हें आत्मरक्षा गुर सिखाने का फैसला लिया है।
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