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तुलसी गौड़ा नंगे पांव पहुंची पद्मश्री लेने, अपनी सादगी से पीएम सहित जीता सबका दिल

इस कलयुग में ऐसे कुछ ही लोग होते हैं जो निःस्वार्थ भावना से देश की सेवा करते हैं और समाज में परिवर्तन लाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा देते हैं। कुछ लोग तो गुमनामी की जिंदगी जी कर ही लोगों की सेवा करते हैं तो कुछ लोग देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार प्राप्त कर सुर्खियों में आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। जिन्होंने अपनी सादगी से पीएम सहित वहां मौजूद हर किसी का दिल जीत लिया।

सोमवार को भारत के राष्ट्रपति ने 10 को पद्मा विभूषण, 102 को पद्मश्री पुरस्कार साथ ही 7 हस्तियों को पद्म विभूषण से नवाजा। इसी में शामिल पर्यावरणविद तुलसी गौड़ा जमकर सुर्खियों में छाई हुई है। इन्हें ‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’ के नाम से भी पहचाना जाता है।

तुलसी गौड़ा नंगे पांव पहुंची पद्मश्री लेने, अपनी सादगी से पीएम सहित जीता सबका दिल

जानकारी के लिए बता दें कि तुलसी गौड़ा को 30 हजार से ज्यादा वृक्ष लगाने और पिछले छः दशकों से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में शामिल होने के चलते पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।

खास बात यह है कि जब तुलसी गौड़ा अपना अवॉर्ड लेने पहुंची तो वह नंगे पांव थी और उनकी इस सादगी ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। न सिर्फ पीएम मोदी ने उनके सामने प्रणाम किया बल्कि सोशल मीडिया पर भी उनकी तस्वीरें खूब वायरल हो रही है।

जब तुलसी गौड़ा अपना अवॉर्ड लेने पहुंची तो वह पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में थी और उन्होंने अपने पांव में भी कुछ नहीं पहना था। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में बैठे सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

वहीं कतार में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी तुलसी गौड़ा का अभिवादन किया। वायरल हो रही तुलसी गौड़ा की इन तस्वीरों को ‘पिक्चर ऑफ द डे’ माना जा रहा है तो कोई इसे लोकतंत्र की ताकत बता रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले तुलसी गौड़ा को ‘इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्षामित्र अवॉर्ड’, ‘राज्योत्सव अवॉर्ड’ और ‘कविता मेमोरियल’ जैसे अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

कर्नाटक की रहने वाली तुलसी गौड़ा हलक्की जनजाति से संबंध रखतीहैं। तुलसी बहुत गरीब परिवार से हैं और वह प्रकृति से बहुत प्रेम करती है। उन्हें प्रकृति से इतना लगाव है कि वह अपना सारा दिन जंगल में ही बिताती है।

खास बात तो यह है कि पूरा दिन जंगल में रहने के कारण उन्हें जड़ी बूटियों का भी अच्छी खासी जानकारी मिल चुकी है। उन्होंने अकेले के दम पर ही 30 हजार से अधिक पेड़–पौधे लगाए हैं।

जानकारी के अनुसार तुलसी गौड़ा महज 10 साल की उम्र से ही पेड़ों के लिए काम करती है और उन्होंने अपना पूरा जीवन पेड़ों की रक्षा करने के लिए ही समर्पित कर दिया है।

PEHCHAN FARIDABAD

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