हृदय रोगी के लिए बड़ी खुशखबरी, अब ईएसआईसी हॉस्पिटल में ही होगा इलाज नहीं जाना होगा निजी अस्पताल में

आज कल की जनरेशन में हृदय के मरीज देखने को मिलते ह। कही न कही लोगो के खान पान की वजह से भी उन्हें इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कई लोग तो बाहर का तला हुआ इतना कहते ह। जो की उनके हृदय को नुकसान पहुँचता है वही अब बात अति हार्ट प्रॉब्लम की तो उनसे कई लोगो को जूझना पड़ता है।

जिनको भी हार्ट डिजीज होती होती उन्ह कई चीजे मना करदी जाती है वही बात करे एनआईटी 3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज की तो यहाँ पर आने वाले लोग कई बार आये है

हृदय रोगी के लिए बड़ी खुशखबरी, अब ईएसआईसी हॉस्पिटल में ही होगा इलाज नहीं जाना होगा निजी अस्पताल मेंहृदय रोगी के लिए बड़ी खुशखबरी, अब ईएसआईसी हॉस्पिटल में ही होगा इलाज नहीं जाना होगा निजी अस्पताल में

लेकिन उन्हें निजी अस्पताल में रेफेर कर गया जाता है।लेकिन अब रोगियों के लिए राहत भरी खबर है । हाल ही में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को 5 डॉक्टर मिले हैं। अब इस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को काफी सहूलियत मिलनी शुरू हो गयी है।

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से करीब 600000 कार्ड धारक जुड़े हुए है। जो की फरीदाबाद से ,पलवल से , रेवाड़ी ,कैथल, हथीन जैसे जिलों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते है।

ईएसआईसी कॉलेज एवं अस्पताल में हृदय रोग के लिए डॉक्टर ना होने के कारण गंभीर मरीजों को निजी अस्पताल रेफर कर दिया जाता था हाल ही में अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ को रखा गया है।

बतादे की इनमे डॉ विनय डॉ हिमांशु डॉ शेखर डॉ वैशाली को रखा गया है। सभी डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दि है इससे सैकड़ों मरीजों को को अब फायदा होने लगा है।अस्पताल में मरीज वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की ओपीडी में रोजाना इलाज के लिए आते हैं।

वही आपको बतादे की वरिष्ठ डॉ राजेंद्र ने बताया कि एक ओपीडी में रोजाना करीब 100 मरीज हृदय संबंधी बीमारियों को लेकर जांच के लिए आते है उन्होंने साथ ही यह भी बताया की ठंड बढ़ने और प्रदूषण के कारण लोग हृदय रोग से जूझ रहे है

मरीजों को इस मौसम में अटैक पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है क्योंकि उनके फेफड़े ज्यादा काम नहीं करते हैं इसलिए ऐसे मरीज को सावधानी बरतने की जरूरत है मौसम में घर से बाहर कम निकले घर से योग और व्यायाम ही करे।

उन्होंने कहा कि हृदय रोग से इस मौसम में अटैक पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है क्योंकि उनके फेफड़े ज्यादा काम नहीं करते हैं इसलिए ऐसे मरीजो को सावधान होने की जरूरत है बदलते मौसम में घर से बाहर निकले और इससे प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहेंगे।

Avinash Kumar Singh

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