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बड़ी खबर: दिल्ली में पेट्रोल – डीजल की गाड़ियों की एंट्री बैन, केवल CNG – इलेक्ट्रिक वाहन ही कर पाएंगे बॉर्डर पार

देश की राजधानी दिल्ली की अभी वायु गुणवत्ता सुधार रही है,लेकिन इसके बाद भी है यह  खराब श्रेणी में बना हुआ है। इसके बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की है कि 27 नवंबर से इलेक्ट्रिक और सीएनजी कमर्शियल वाहनों को ही एंट्री मिलेगी।

इसके अलावा पेट्रोल और डीजल के कमर्शियल वाहनों  की एंट्री पर 3 दिसंबर तक प्रतिबंध  रहेगा। वहीं, दिल्‍ली कैबिनेट ने प्रदूषण में सुधार को देखते हुए अब 29 नवंबर से फिर से स्कूल खोलने का फैसला किया है। इस  स्थिति को बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ अहम कदम उठाए हैं।

बड़ी खबर: दिल्ली में पेट्रोल - डीजल की गाड़ियों की एंट्री बैन, केवल CNG - इलेक्ट्रिक वाहन ही कर पाएंगे बॉर्डर पार

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जिन जगहों से दिल्ली सरकार के अधिकतम कर्मचारी आते हैं वहां के लिए बस चलाई जाएंगी।उन्‍होंने कहा कि सरकार अपने कर्मचारियों के लिए दिल्ली सचिवालय से आईटीओ और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशनों के लिए शटल बस सेवा भी शुरू करेगी।

जबकि पिछले तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।शहर का एक्यूआई दिवाली से पहले के दिनों जैसा ही है।इससे पहले दिल्‍ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से नए वाहनों की एंट्री बंद कर दी गयी थी। इसके अलावा 13 नवंबर को दिल्‍ली सरकार ने शहर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के साथ निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।

वहीं,अपने कर्मचारियों को वायु प्रदूषण से निपटने और इसके स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए घर से काम करने के लिए कहा था। बता दें कि 17 नवंबर को दिल्ली में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अलावा प्रतिबंधों को बढ़ा दिया था।

हवा की गुणवत्ता में सुधार और श्रमिकों को होने वाली असुविधा को देखते हुए निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर लगी रोक सोमवार को हटा ली गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण को देखते हुए निर्माण कार्यों पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है।

कोर्ट ने इलेक्ट्रिकल, कारपेंट्री, इंटीरियर वर्क और प्लंबिंग कार्यों पर छूट दी है।वैसे वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है।

इसके अलावा वैद्य पीयूसी को भी अब अनिवार्य है. अब बगैर वैद्य पीयूसी के वाहन चलाते पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. यही नहीं, अगर वाहन का पीयूसी नहीं करवाया है तो 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो सकता है।

इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए छोटे कदम उठाने के लिए अपील की थी।उन्‍होंने दिल्लीवासियों से महीने में कम से कम एक बार अपने निजी वाहनों की जगह बस या मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का अनुरोध किया था।इसके साथ सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपने हिस्से की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

Avinash Kumar Singh

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