जीवन की सबसे अनमोल चीज़ है पानी | प्रकृति ने इंसान को बहुत सी चीज़े दी हैं उनमे कुछ खास पेड़-पौधे, नादियाँ, वन, पर्वत, झील, झरने, पानी समेत बहुत कुछ दिया है | लेकिन इंसान पानी को यूँ बेवजह बहा देता है कि जैसे कल उसको पानी की आवश्यकता पड़ेगी ही नहीं | हरियाणा सरकार हरियाणा फ्रेश के नाम से बोतलबंद पीने का पानी लाने जा रही है। मनोहर सरकार बचाने के लिए पहले ही अनेकों कड़े प्रयास कर रही है | हरियाणा फ्रेश के लिए संयंत्र की स्थापना की जाएगी। सरकार ने जन स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा, महाग्राम योजना के तहत पहली ग्रामीण सीवरेज प्रणाली का उद्घाटन 15 अगस्त को फरीदाबाद के गांव सोताई में किया जाएगा।
हरियाणा फ्रेश नामक इस योजना से प्रदेश में युवाओं को काम मिलेगा | मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में यह फैसला लिया गया है। मनोहर लाल ने विभाग के अधिकारियों को इस संयंत्र की स्थापना के लिए तौर-तरीकों व साधनों के बारे में जानकारी देने के भी निर्देश दिए। हरियाणा फ्रेश वाटर को शुरुआत में सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में छात्रों को स्वच्छ और ताजा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में मिनरल वाटर रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) संयंत्र लगाए जाएंगे।
हरियाणा में बहुत से ऐसे शैक्षणिक संस्थान हैं जहाँ पीने को पानी नहीं स्वच्छ पानी तो दूर की बात है | मुख्यमंत्री के इस कदम से शायद हो सकता है कि शैक्षणिक संस्थानों में पानी की कोई किल्लत न हो | बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया गया कि पीने के पानी के अलावा सूबे के सभी जिलों में एक व्यापक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। जहां पर न केवल पीने के पानी की जांच होगी बल्कि अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की भी जांच की जाएगी। मनोहर ने कहा कि लोगों को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।
गर्मी के मौसम में प्रदेश के कई ऐसे शहर और जिले हैं जहाँ पीने के पानी को लोग तरसते हैं | सीएम ने अधिकारियों से कहा है कि वह सुनिश्चित करें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति में कोई कमी नहीं आए | । मनोहर ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए विभाग द्वारा बनाई गई विस्तृत योजना की भी जानकारी ली।
इंसान को अभी न तो पानी की कदर है न ही रिश्तों की | महामारी ने बेशक सिखाया है कि प्रकृति से वैर नहीं करना चाहिए उसके बाद भी लोग पानी की कदर नहीं करते दिख रहे हैं | हमें इसी सोच के साथ आगे बढ़ने की ज़रूरत है अभी की जल है तो कल है |
Written By – Om Sethi
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