जैसा कि आपको पता है दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा था। हवा की गुणवत्ता बहुत ही खराब श्रेणी में थी। मगर अभी दिल्ली एनसीआर के इलाकों में हवा की गुणवत्ता में पिछले दिनों कुछ सुधार देखने को मिला है। लेकिन अब भी यह खराब श्रेणी में बनी होगी।
गुरुवार के साथ दिल्ली के आनंद विहार एक AQI 308 दर्ज किया गया है। जो कि दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक है। दिल्ली के साथ-साथ गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में भी जहरीली हवा का असर थोड़ा कम हुआ है। लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। गुरुवार को दिल्ली के ओवरऑल AQI की बात करें तो यह 208 है। जो कि खराब श्रेणी में आता है।
दिल्ली एनसीआर में राजस्थानी के आनंद विहार के इलाके को छोड़कर सभी इलाकों की हवा में कुछ सुधार हुआ है। दिल्ली में आज आया नगर में एक्यूआइ 171 दर्ज किया गया है। जो कि सबसे कम था। हालांकि अन्य इलाकों में अब 283 के नीचे आ गए हैं।
बात करे यूपी के गाजियाबाद के लोनी में तो वहां का एक्यूआई 269 और संजय नगर में 194 दर्ज किया गया। और नोएडा के सेक्टर 116 में 252, सेक्टर 125 में 180 दर्ज किया गया है।
वही बात करें ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 4 में यह श्रेणी 230 बनी हुई है। प्रदूषण की जबरदस्त मार पड़ने वाले हरियाणा के फरीदाबाद में एक AQI 200 से नीचे पहुंच गया है। इस समय सेक्टर 30 में 174 और सेक्टर 16A में 194 दर्ज किया गया है। इससे पहले का एक यहां 999 दर्ज किया गया था।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि वायु गुणवत्ता में उम्मीद से अधिक सुधार है जिससे पता चलता है कि प्रदूषण को रोकने के लिए किये गए इंतजाम का नतीजा प्राप्त हो रहा है। एजेंसी ने कहा कि अगले चार दिन में हवा की गति मध्यम रहने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को हवा चलने से वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया और शाम चार बजे 24 घंटे का एवरेज एक्यूआई 237 दर्ज किया गया। जबकि फरीदाबाद में 188 , गाजियाबाद में 229, ग्रेटर नोएडा में 154, गुरुग्राम में 185 और नोएडा में 186 में भी वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है।
आपको बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 तक के एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है।
बता दें कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2015 से वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 478 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस बात की जानकारी सूचना के अधिकार कानून के तहत दायर आवेदन के जवाब में बोर्ड ने बताया कि 2008 में स्थापित ‘ग्रीन फंड’ से वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कई परियोजनाओं पर अब तक 467.67 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
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