Categories: Uncategorized

धड़कते हुए दिल ने चंडीगढ़ से भरी उड़ान, हजारों किमी दूर मद्रास में बचाई एक व्यक्ति की जान, जानिए कैसे

अंगदान को सबसे बड़ा दान माना जाता है और देश विदेश में लोग इसमें अपना काफी सहयोग देते है। कई लोगो को की तो आखिरी इच्छा भी होती है कि वह अपना अंगदान करना चाहते है। इससे कई लोगो की मदद होती है। किसी की मृत्यु के बाद अगर उसके अंग किसी की जिंदगी बचा सके तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। तो ऐसा ही एक कीर्तिमान चंडीगढ़ ने कर दिखाया है, जो हम आपको आज बताएंगे।

चंडीगढ़ ने आर्गन डोनेशन में एक और नया कीर्तिमान साबित किया है। पहली बार ब्रेन डेड पेशेंट के दिल को पीजीआइ चंडीगढ़ से करीब 2500 किलोमीटर की दूरी तय कर चेन्नई में  ट्रांसप्लांटेशन के लिए भेजा गया है। डोनेटेड  हार्ट को सिर्फ 22 मिनट में ग्रीन कॉरीडोर बनाकर पीजीआइ से मोहाली स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट भेजा गया। जिसके बाद चेन्नई में सफल हार्ट ट्रांसप्लांटेशन किया गया।

धड़कते हुए दिल ने चंडीगढ़ से भरी उड़ान, हजारों किमी दूर मद्रास में बचाई एक व्यक्ति की जान, जानिए कैसेधड़कते हुए दिल ने चंडीगढ़ से भरी उड़ान, हजारों किमी दूर मद्रास में बचाई एक व्यक्ति की जान, जानिए कैसे

आपको बता दे यह शुक्रवार दोपहर 3.25 बजे शेड्यूल्ड विस्तारा एयरलाइन फ्लाइट से इसे चेन्नई भेजा गया। 8.30 बजे चेन्नई पहुंचने के बाद एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल चेन्नई ने इस दिल को लेकर 52 वर्षीय व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया।

लीवर, किडनी और कोर्निया को पीजीआइ चंडीगढ़ में ही पांच अन्य पेशेंट में ट्रांसप्लांट किया गया। चार दिसंबर को दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में 45 वर्षीय हिमाचल प्रदेश के व्यक्ति सिर में चोट लगने से गंभीर अवस्था में पीजीआइ दाखिल कराया गया था। यहां इस व्यक्ति को पीजीआइ ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

पीजीआइ की टीम ने ट्रांसप्लांटेशन संबंधी प्राेटोकॉल को पूरा किया। काउंसलिंग के बाद ब्रेन डेड व्यक्ति के परिवार ने साहसिक निर्णय लेते हुए अंगदान के लिए सहमति दे दी। पीजीआइ या चंडीगढ़ में किसी प्राप्तकर्ता का मिलान नहीं हुआ तो चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल में मैचिंग रिसिपिनिंट मिला।

इसके अलावा लीवर और किडनी को पीजीआइ में ही बीमारी से अंग खराब हो चुके मरीजों में प्रत्यारोपित किया गया। कोर्निया से दो कोर्नियल ब्लाइंड पेशेंट को रोशनी दी गई। इसलिए ब्रेन डेड व्यक्ति ने छह लोगों को नई जिंदगी दी।

डायरेक्टर पीजीआइ प्रो. सुरजीत सिंह ने अंगदान करने वाले परिवार का आभार प्रकट करते हुए बताया कि ट्रांप्लांटेशन में समय का अहम रोल है। 2500 किलोमीटर की दूरी पर तुरंत मैचिंग के बाद हार्ट को सीमित समय में ट्रांसपोर्ट कर भेजना सराहनीय कार्य रहा।

दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए वह दोबारा डोनर फैमिली के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। इससे सीधे तौर पर छह लोगों को नई जिंदगी मिली है। ट्रांसप्लांटेशन की वेटिंग में रहे लोगों के लिए भी यह नई आशा की तरह है।

प्रत्येक में आर्गन डोनर बनने की क्षमता है। सभी के पास दिल, फेफड़े, लीवर, किडनी, पैनक्रिया और आंख दान कर कई जिंदगी बचाने की शक्ति है। प्रतिवर्ष हजारों लोग ऑर्गन नहीं मिलने से जिंदगी की जंग हार रहे हैं। हर मिनट जिंदगी की डोर टूट रही है।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

Faridabad वासियों को ज़रूर देखना चाहिए ये संग्रहालय, लोकेशन NCR के है बेहद पास

अगर आप दिल्ली में घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपकों…

7 hours ago

Haryana के लोग सस्ते में कर सकते हैं इन जगहों की यात्रा, जल्दी से यहां देखे लोकेशन  

अगर आप भी इस वीकेंड पर कहीं घूमने जाने का प्लेन बना रहे हैं, तो…

7 hours ago

अब से Haryana के इन किसानों को भी मिलेगी पेंशन, बस करना होगा यह काम

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

7 hours ago

Haryana में बुढ़ापा पेंशन में हुआ यह बड़ा बदलाव, जल्दी से यहाँ जाने बदलाव से जुड़ी सभी जानकारी 

प्रदेश के लाखो बुजुर्गों के लिए यह खबर बड़े ही काम की है, क्योंकि अभी…

7 hours ago

Faridabad वासियो को जल्द मिलेगा लावारिश गायों से छुटकारा, यह है इसके पीछे की वजह 

जो लोग शहर की सड़कों पर घूमती हुई लावारिश गायों से तंग है, यह खबर…

7 hours ago

Faridabad के इस अस्पताल में शुरू हुई डिजिटल बायोप्सी, मरीजों को मिलेगी सहूलियत

शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अपना एक कदम आगे की ओर…

1 day ago