हफ्ते चार दिन काम करना हर किसी काफी पसंद होता है। हर कोई चार दिन ही काम करना चाहता है। देश में मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध, व्यवसाय सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार श्रम संहिताएं अगले वित्तीय वर्ष तक लागू होने की संभावना है। इस मामले में अब तक 13 राज्यों ने मसौदा नियम पूर्व प्रकाशित कर दिए हैं।
इससे लोगों में उत्साह काफी बढ़ गया है। लोगों में इसे लेकर खुशी है। केंद्र ने इन संहिताओं के तहत नियमों को पहले ही अंतिम रूप दे दिया है और अब राज्यों को अपनी ओर से नियम बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि श्रम एक समवर्ती विषय है।
अगर नियमों में बदलाव आया तो आपके काम के घंटों, इनहैंड सैलरी और साप्ताहिक अवकाश पर असर पड़ सकता है। इन नियमों केे बाद कर्मचारियों को एक हफ्ते में सिर्फ चार दिन काम करने का विकल्प भी दिया जा सकता है। केंद्रीय श्रम, रोजगार और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में एक जवाब में कहा था कि व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता ही एकमात्र कोड है।
चार नए कानून लागू होने की राह देख रहे हैं। किसी भी समय यह लागू हो सकते हैं। 13 राज्यों ने मसौदा नियमों को पूर्व-प्रकाशित किया है। 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा मजदूरी संहिता पर सबसे अधिक मसौदा अधिसूचनाएं पूर्व प्रकाशित की जा चुकी हैं। वहीं, औद्योगिक संबंध संहिता 20 राज्यों द्वारा और सामाजिक सुरक्षा संहिता 18 राज्यों द्वारा अनुसरण किया जाता है।
इन नियमों से आम इंसान की जीवनशैली काफी बदल जाएगी। नियमों के अनुसार रोजाना कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि सरकार कामकाज के घटों को बढ़ाकर 12 कर सकती है।
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