प्यार से बड़ी दुनिया में कोई भी चीज नहीं होती। लोग अपने प्यार को जिताने के लिए रोजाना कुछ ना कुछ करते रहते हैं। लोग अपना प्यार रोजाना मुकम्मल करने में लगे रहते हैं, क्योंकि दुनिया में हर चीज कुछ समय के लिए होती है लेकिन सिर्फ प्यार ही है जो अमर होता है। इतिहास भी गवाह है कि प्यार से बड़ा कुछ नहीं होता। लोग अपने प्यार में कुछ ना कुछ करते ही रहते हैं।
बात करें इतिहास की तो शाहजहां ने अपनी तीसरी पत्नी मुमताज की याद में और अपना प्यार जताने के लिए उसने ताज महल बनवा दिया था। और ताज महल जैसा आज के समय में कुछ भी नहीं है। ऐसा ही एक मामला आज हमारे सामने आया है, जिसमें पति ने अपनी पत्नी से प्यार जताने के लिए ताज महल जैसा घर तोहफे में दिया है।
जिस मामले की हम बात कर रहे हैं वह मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से सामने आया है। यहां पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के लिए प्यार जताने के लिए उसे ताज महल जैसा दिखने वाला घर तोहफे में दिया है। इस शानदार ताजमहल को बनवाने और सजाने में पूरे 3 साल लग गए।
बात करें इस शानदार घर के इंटीरियर की तो इसमें चार बाथरूम, एक किचन, एक लाइब्रेरी, एक मेडिटेशन रूम तक है।इस आलीशान बंगले का क्षेत्रफल मीनार के साथ 90 * 90 बताया जा रहा है। ताजमहल जैसा दिखने वाला यह घर मध्य प्रदेश के शिक्षाविद आनंद प्रकाश चौकसे ने बनवाया है।
उन्होंने बताया जब भी वह आगरा के ताजमहल को देखते थे तो उन्हें लगता था कि यह मध्यप्रदेश में क्यों नहीं है बस यही कारण है कि उन्होंने अपनी पत्नी अपनी जान मंजूषा चौकसे को यह शानदार घर तोहफे के रुप मे दिया।
इस ताजमहल जैसे घर को बनाने वाले इंजीनियर प्रवीण चौकसे कहते हैं कि इस घर को बनाने में पूरे तीन साल का समय लग है। इस आलीशान घर 90×90 क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इंजीनियर प्रवीण चौकसे ने बताया की इस घर की ऊंचाई 29 फीट रखी गई है।
यह हुबहू ताजमहल की नकल करके बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस घर का फर्श राजस्थान के मकराना से बनाया गया है। घर के अंदर की नक्काशी बंगाल और इंदौर के कारीगरों द्वारा की गई है। घर का फर्नीचर सूरत और मुंबई के कलाकारों द्वारा बनाया गया है। घर में एक बड़ा हॉल, दो बेडरूम नीचे तो दो बेडरूम ऊपर हैं।
आपको बता दे, इस शानदार घर को बनाने से पहले इन के इंजीनियरों ने ताजमहल का कई बार दौरा किया था। वह औरंगाबाद के ताजमहल की तरह दिखने वाला स्मारक बीवी का मकबरा भी देखने गए थे। बता दें बीवी का मकबरा की पहचान देश के दूसरे ताजमहल के रूप में होती है।
आपको बता दे, ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर में मुगल शासक शाहजहां असल में अपनी प्रियतमा मुमताज की याद में एक यादगार महल बनवाना चाहते थे। यह महल बुरहानपुर से गुजरने वाली ताप्ती नदी के किनारे बनाया जाना था। मगर कई कारणों से यह ताज महल बाद में बुरहानपुर की जगह आगरा में बनाया गया।
जिसे आज दुनिया आगरा के ताज महल के नाम से जानती है। गौरतलब है कि मुगल इतिहास में इस बात उल्लेख है कि शाहजहां की बेगम मुमताज की मौत बुरहानपुर में हुई थी।
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