जिस तरह बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा ग्रहण करना अनिवार्य है। उसी तरह अब निजी स्कूलों द्वारा भी विद्यार्थियों से मनमानी फीस वसूल करने का प्रचलन मानो आम होता जा रहा है। ऐसे में इन पर लगाम लगाने हेतु अब हरियाणा सरकार ने कमर कसते हुए निजी स्कूल प्रबंधकों पर गाज गिराते हुए 1 फरवरी तक फार्म नंबर छह भरने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा निदेशालय ने शनिवार की रात यह फार्म जारी कर दिया है।
प्राइवेट स्कूल किसी विशिष्ट शैक्षणिक सत्र में किसी कक्षा, ग्रेड, स्तर में नए प्रवेश के इच्छुक छात्रों के लिए नियम के मुताबिक फीस निर्धारित करने में स्वतंत्र होंगे। परंतु आगामी वर्षों के लिए नए प्रवेशित छात्रों की ऐसी फीस में वार्षिक वृद्धि नियमों के अनुसार होगी।
दरअसल, एक तरफ जहां नए शैक्षणिक सत्र से स्कूलों को अपनी सभी अनिवार्य गतिविधियों की प्रोसपेक्ट्स में जानकारी देनी होगी, तो वहीं स्कूल 10.13 प्रतिशत से अधिक फीस भी नहीं बढ़ा पाएंगे। जानकारी के मुताबिक हरियाणा में इस समय 6200 से अधिक मान्यता प्राप्त स्कूल हैं।
इस में सबसे खास बात यह उभर कर सामने आई हैं कि यद्यपि अध्यापकों के वेतन में औसतन वृद्धि होगी, तो ही फीस में बढ़ोतरी लाजमी मानी जाएगी। अब यह नियम लागू होने से जहां अभिभावकों को यह पता रहेगा कि अगले साल उनके बच्चे की कितनी फीस देनी होगी, वहीं वे स्कूलों द्वारा अनिवार्य शुल्क बताकर बेवजह वसूले जाने वाले अतिरिक्त चार्ज से भी बच सकेंगे, जिससे अभिभावकों को भी राहत की सांस मिल जाएगी।
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