बचपन में हर कोई अपनी दादी मां से जलपरी की कहानी बड़े शौक से सुनना पसंद करता है ।इनके द्वारा सुनाई गई कहानी में समुद्र के अंदर आधी लड़की और आधी मछली की तरह दिखने वाली जलपरी का वर्णन होता है। हालांकि ये एक कहानी मात्र होती है। अब तक ये पूरी तरह से साबित नहीं हो सका है, लेकिन लोगों के अंदर जलपरी को देखने की गहरी जिज्ञासा होती है ।वही कुछ महिलाएं जलपरी बनकर अपनी जिंदगी गुजार रही है ,तो चलिए आज हम एक ऐसी लड़की की कहानी के बारे में बताते हैं ,जो अपने असल जीवन में जल परी बनकर जी रही है।
अमेरिका के मैरीलैंड की रहने वाली 26 साल की फेलिसिया फलहेरली की जलपरी बनने की कहानी काफी दिलचस्प है।इन्हें बचपन से ही जलपरी की कहानियां काफी भाती थी। यही वजह है कि इन्होंने एक दिन जलपरी बनने की सोची। फेलिसिया ने इसके लिए सबसे पहले स्कूबा डाइविंग का सर्टिफिकेट हासिल किया।इसके बाद फेलिसिया पिछले 8 सालों से जल परी बनकर काम कर रही है। अब वह इस काम में इतनी एक्सपर्ट हो गई है कि इन्हें वर्तमान में प्रोफेशनल जलपरी के रूप से लोग जानते है।
फेलिसिया में जब अपने इस जलपरी की जिंदगी के बारे लोगो को बताया तो हर कोई इनकी कहानी सुनकर हैरत में पड़ गया।फेलिसिया का कहना था कि वह एक परफेक्ट जलपरी बन पाना ।उनके लिए काफी मशक्कत भरा रहा ।इसके लिए उन्हें सबसे पहले जलपरी की ट्रेनिंग भी की थी।यही नहीं पानी के अंदर रहने के लिए उन्हें काफी ट्रिक भी सीखनी पड़ी थी। फेलिसिया ने आगे कहा कि जलपरी बनने के कारण उन्हें लंबे समय तक अपने सांस को रोके रहना पड़ता था।शुरुआती दिनों में ये काम उनके लिए काफी असंभव सा था लेकिन जब उन्होंने जलपरी बनने का संकल्प ले लिया था तो इसके बाद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अंत में वह एक परफेक्ट जलपरी बनकर ही मानी।
फेलिसिया ने जब जलपरी बनने की पहली बार सोची तो उसके लिए उसे पूंछ की जरूरत थी क्योंकि बिना पूंछ कर वो जलपरी की तरह बिल्कुल नहीं बन सकती थी। ऐसे में इन्होंने एक खूबसूरत दिखने वाली पूंछ की खोज करनी शुरू कर दी। जिससे कि लोगों का ध्यान उनकी ओर अधिक जाए। उसके लिए फेलिसिया ने काफी मशक्कत की, लेकिन जब उन्हें कुछ विशेष प्रकार की पूंछ ना मिल सकी तो ऐसे में फेलिसिया ने खुद सिलिकॉन की पूंछ बनवाई। आपको बता दें कि जलपरी की पूंछ की कीमत तकरीबन 2 लाख रुपए हैं । फिलिसिया के पास इस तरह की वर्तमान में काफी पूंछ है।
फेलिसिया जलपरी बनकर काफी शोज में दिखाई देती है। इसके लिए उन्हें तकरीबन एक घंटे तक टैंक के अंदर रहना पड़ता है ।फेलिसिया ने एक बार कहा था कि उनके प्रोफेशन में टैंक में टॉयलेट भी नहीं कर सकते हैं।यही वजह है कि उन्हें कई घंटे तक टॉयलेट रोककर रहना पड़ता है। जब एक घंटे बाद उनकी शिफ्ट खत्म होने को होती है, तो उस दौरान वह पूंछ को उतारकर टॉयलेट के लिए जाती है।
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