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हरियाणा मे पंचायत चुनाव मे विलंब, अगले वर्ष होंगे चुनाव: उप-मुख्यमंत्री

हरियाणा के उप- मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण अब प्रदेश मे ग्राम पंचायत के चुनाव इस वर्ष नही हो पायँगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि वर्तमान मे कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार का अभी ग्राम पंचायत चुनाव कराने का कोई इरादा नही है।

हरियाणा मे पंचायत चुनाव मे विलंब, अगले वर्ष होंगे चुनाव: उप-मुख्यमंत्री

जनवरी- फरवरी मे हो सकते है चुनाव

डिप्टी सीएम होने के साथ साथ दुष्यंत चौटाला प्रदेश मे पंचायत एवं विकास मंत्री का कार्येभार भी संभाल रहे है। उन्होंने प्रदेश के सभी सरपंचों को यह भरोसा दिलाया है कि जब तक पंचायत चुनाव नही होते है, तब तक पुराने सरपंच अपना काम करते रहेंगे। प्रदेश मे जुलाई मे चुनाव होने प्रस्तावित थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब यह चुनाव आगे कर दिए गए है।

उप-मुख्यमंत्री के मुताबिक हरियाणा सरकार की कोशिश रहेगी कि यदि कोरोना पर नियंत्रण पा लिया जाता है तो ग्राम पंचायतों के चुनाव पांच वर्ष के कार्येकाल के पूर्ण होने के बाद, चुनाव अगले वर्ष 2021 मे जनवरी-फरवरी मे ही करवाए जाएंगे। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा है कि “जब तक चुनाव नही होते तब तक पुराने सरपंच अपना काम करते रहेंगे और उनके काम मे कोई बाधा नही डाली जाएगी।

साथ मे उन्होंने यह भी कहा है कि “पंचायती राज एक्ट,2020 के अनुसार राज्य मे ग्राम पंचायत का पांच वर्ष का कार्येकाल उस दिन शुरू होगा , जब राज्य चुनाव आयोग नवनिर्वाचित पंचायत के गठन की नोटिफिकेशन जारी करेगा, जिसका अर्थ है कि संपूर्ण और आगामी ग्राम पंचायत चुनावों की घोषणा होने तक पंचो का कार्ये जारी रहेगा”।

20 लाख रुपये तक के विकास कार्यो की मंजूरी बिना ई- टेंडरिंग के मिलती रहेगी

ई- टेंडरिंग के विवाद को लेकर हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष “दिलबाग सिंह” गुराया के नेतृत्व मे सरपंचों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दुष्यंत चौटाला से मिला और उसी चर्चा के दौरान दुष्यंत चौटाला ने ई- टेंडरिंग को लेकर सभी चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि “पंचायत विभाग की ओर से ऐसा कोई आदेश नही है और 20 लाख रुपये तक का काम बिना ई- टेंडरिंग के कर सकते है”।

पिछले चुनाव किस प्रकार हुए थे ?

गौरतलब है कि हरियाणा मे पिछले पंचायत चुनाव 2016 मे 10 जनवरी, 17, और 24 जनवरी को अलग-अलग तीन चरणों मे हुए थे। हिरयाणा मे भाजपा सरकार की ओर से पंचायती चुनाव मे शैक्षणिक योग्यता लागू किए जाने के चलते पिछले चुनाव जुलाई 2015 की बजाय छह माह विलम्ब से जनवरी 2016 मे हुए थे। ऐसे मे नियमों के अनुसार पंचायत का कार्यकाल पूरा होने के पांच वर्ष बाद ही चुनाव करवाए जा सकते है।

Written by- Harsh Datt

Avinash Kumar Singh

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